श्रीलंका में सीता से जुड़ी जगह पर मंदिर बनाने का विचार कर रही कमल नाथ सरकार
मध्य प्रदेश सरकार श्रीलंका के दिवूरुमपोला में मंदिर बनाने की योजना पर गंभीरता पर विचार कर रही है। शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने कार्यकाल में इस जगह मंदिर बनानेे का प्रस्ताव रखा था। माना जाता है कि दिवूरुमपोला में सीता की अग्निपरीक्षा हुई थी। कांग्रेस सरकार से पहले शिवराज सरकार ने 2010 में सबसे पहले इस मंदिर को बनाने की बात कही थी, लेकिन इस पर बीते सालों में कोई खास काम नहीं हो पाया है।
मंदिर निर्माण पर 12-14 करोड़ लागत का अनुमान
हालांकि, इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया कि 2013 में भारत दौरे पर आए तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे के सामने भी इस मुद्दे को उठया गया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि केंद्र और श्रीलंकाई सरकार से इस संबंध में जरूरी मंजूरियां ले ली गई हैं। 2016 में एक टीम ने प्रस्तावित मंदिर निर्माण की जगह का दौरा किया था। इस मंदिर के निर्माण पर 12-14 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है।
बेंगलुरू की कंपनी ने तैयार किया डिजाइन
यह मंदिर श्रीलंका के मध्य में स्थित नुवारा इलिया शहर से 15 किलोमीटर दूर दिवूरुमपोला में एक बौद्ध मठ में मौजूद है। स्थानीय लोगों का मानना है कि सीता द्वारा पहने गए गहने आज भी यहां मिट्टी के नीचे दबे हुए हैं। 2016 में मध्यप्रदेश में तत्कालीन भाजपा सरकार ने कहा था कि बेंगलुरू स्थित एक कंपनी ने मंदिर के लिए डिजाइन तैयार कर लिया है और एक साल से भी कम समय में इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
शिवराज सरकार ने मंजूर किए थे एक करोड़ रुपये
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रिंसीपल सेक्रेटरी रहे एसके मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सरकार ने मंदिर के लिए एक करोड़ रुपये मंजूर किए थे, लेकिन यह पैसा कभी इस्तेमाल नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि मठ का मुख्य पुजारी मंदिर के लिए तैयार था, लेकिन श्रीलंकाई प्रशासन ने बिना इजाजत पुराना पेड़ काटने के आरोप में उस पर मुकदमा चला दिया था। सरकार इस पर दोबारा काम शुरू करती, उससे पहले उनकी सत्ता चली गई।
कमल नाथ सरकार ने कही यह बात
श्रीलंका में मंदिर निर्माण के इस प्रोजेक्ट के बारे में बात करते हुए कमल नाथ सरकार में कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इसके सभी पहलूओं के अध्ययन के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "हम पिछली सरकार की तरह केवल घोषणाएं कर नौटंकी नहीं कर रहे हैं। जब तक इस मामले में कुछ ठोस कदम नहीं उठाए जाते, हम कोई घोषणा नहीं करेंगे। मैं केवल संभावनाओं की बात कर रहा हूं।"