भाजपा उम्मीदवार के विवादित बोल, कहा- जिन्ना पहले प्रधानमंत्री होते तो देश का विभाजन नहीं होता
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश की रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गुमान सिंह डामोर ने शनिवार को यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर मोहम्मद अली जिन्ना देश के पहले प्रधानमंत्री बनते तो देश का बंटवारा नहीं होता।
उन्होंने भारत के बंटवारे के लिए जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया।
वैसे तो भाजपा के शीर्ष नेता भी नेहरू के कट्टर आलोचक हैं, लेकिन जिन्ना की यह तारीफ डामोर और पार्टी दोनों के लिए मुसीबत बन सकती है।
विवादित बयान
क्या कहा डामोर ने?
डामोर ने अपने क्षेत्र में प्रचार करते वक्त एक जनसभा में कहा कि आजादी के समय अगर जवाहर लाल नेहरू जिद नहीं करते तो इस देश के दो टुकड़े नहीं होते।
मोहम्मद जिन्ना को एक वकील और विद्वान व्यक्ति बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर उस समय निर्णय लिया होता कि हमारा प्रधानमंत्री मोहम्मद जिन्ना बनेगा तो इस देश के टुकड़े नहीं होते।
उन्होंने देश के टुकड़े के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
ट्विटर पोस्ट
नेहरू जिद नहीं करते तो देश का विभाजन नहीं होता- डामोर
#WATCH Gumansingh Damor, BJP candidate from Ratlam-Jhabua LS seat: Azadi ke samay agar Nehru zidd nahi karte, to is desh ke 2 tukde nahi hote. Mohd Jinnah, ek advocate, ek vidwan vyakti, agar us waqt decision liya hota ki hamara PM Md. Jinnah banega, to is desh ke tukde nahi hote pic.twitter.com/w9mRk9K9ju
— ANI (@ANI) May 11, 2019
जानकारी
डामोर के लिए 'हानिकारक' है यह बयान
अब लोकसभा चुनाव के मात्र एक चरण का मतदान बाकी है, ऐसे में भाजपा को इस बयान से भले ही ज्यादा नुकसान न हो, लेकिन डामोर का यह बयान उनके राजनीतिक करियर के लिए जरूर खतरनाक सिद्ध हो सकता है।
पुराना किस्सा
आडवाणी को भारी पड़ी थी जिन्ना की तारीफ
बता दें कि भाजपा के शीर्ष नेताओं में शामिल रहे लालकृष्ण आडवाणी को भी जिन्ना की तारीफ बेहद महंगी पड़ी थी।
जून 2005 में पाकिस्तान के दौरे पर गए आडवाणी कराची स्थित जिन्ना की मजार पर गए थे।
इस दौरान उन्होंने जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष बताया था।
उन्हें अलग शख्सियत बताते हुए आडवाणी ने कहा था जिन्ना ने इतिहास बनाया था।
अपने इस बयान के कारण आडवाणी को भाजपा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
नेहरू
कौन हैं जिन्ना और क्या है नेहरू की जिद वाला किस्सा?
मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति थे।
आजादी से पहले उन्होंने ही सबसे अधिक राजनीतिक मजबूती से मुस्लिमों के लिए अलग देश 'पाकिस्तान' बनाने की मांग की थी।
इस बीच महात्मा गांधी ने उन्हें बनाने की कोशिश भी की थी और गैर-विभाजित भारत का प्रधानमंत्री बनने की पेशकश की थी।
हालांकि नेहरू और सरदार पटेल गांधी जी की इस पेशकश से सहमत नहीं थे। उन्हें लगता था कि बापू जिन्ना के सामने जरूरत से ज्यादा ही झुक रहे हैं।