पड़ोसी देश में जल्लाद की नौकरी के लिए युवा पागल, विदेशी ने भी किया आवेदन
हर कोई पढ़ाई करने के बाद चाहता है कि उसे कोई ऐसी नौकरी मिल जाए, जिससे उसका पूरा जीवन बेहतर तरीके से बीते। अच्छी और मनपसंद की नौकरी पाने के लिए लोग काफ़ी मेहनत करते हैं। दुनिया में कई तरह की नौकरियाँ हैं। कुछ नौकरियों की लिए लोग पागल रहते हैं। हाल ही में ऐसा ही नज़ारा श्रीलंका में एक जल्लाद की नौकरी के लिए लोग ख़ूब आवेदन कर रहे हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
श्रीलंका में जल्लाद बनने के लिए अमेरिकन ने किया आवेदन
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्रीलंका में जल्लाद बनने के लिए लोग इस कदर पागल हैं कि दो पदों के लिए लगभहग 100 लोगों ने आवेदन किया है। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि इसमें से एक अमेरिकी नागरिक भी है। बता दें कि श्रीलंका में मादक पदार्थों की तस्करी को अक्षम्य अपराध माना जाता है। इस वजह से सरकार जल्द से जल्द मादक पदार्थों के तस्करों को फाँसी देना चाहती है।
सुरक्षा कारणों से नाम और साक्षात्कार के तारीख़ की नहीं की जाएगी घोषणा
न्याय और कारागार सुधार मंत्रालय ने बताया कि सुरक्षा कारणों की वजह से चुने गए लोगों के नाम और साक्षात्कारों की तारीख़ की घोषणा नहीं की जाएगी। जल्लाद के दो पद हैं और एक अमेरिकी नागरिक ने भी आवेदन किया है।
श्रीलंका में 1976 से नहीं दी गई है किसी को फाँसी
बता दें कि श्रीलंका में फाँसी देना कानूनी रूप से वैद्य है, लेकिन 1976 से किसी को भी फाँसी नहीं दी गई है। श्रीलंका में जो पिछला जल्लाद था, उसने पाँच साल पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया था। उसके बाद से कोई भी स्थायी जल्लाद नियुक्त नहीं किया गया है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने फरवरी की शुरुआत में ही घोषणा की थी कि अगले दो महीने में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले दोषियों को फाँसी पर लटकाया जाएगा।
अब 18 दोषियों को दी जाएगी फाँसी
न्याय मंत्रालय ने घोषणा की थी कि मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में कुल 48 लोगों को फाँसी की सज़ा दी गई थी। इसमें से 30 ने आगे अपील की है, इसलिए अब केवल 18 दोषियों को ही फाँसी दी जाएगी। मंत्रालय ने बताया कि जो पिछला जल्लाद था वो फाँसी का तख़्ता देखकर ही सदमे में चला गया था। इसके बाद 2014 में उसने इस्तीफ़ा दे दिया था।
बलात्कार, हत्या और मादक पदार्थों की तस्करी है बड़ा अपराध
साल 2004 से श्रीलंका की सरकार अपनी कानून व्यवस्था को लेकर सजग है। तभी से बलात्कार, हत्या और मादक पदार्थों की तस्करी को बड़ा अपराध माना जाता है। हालाँकि अब तक इस मामले में केवल आजीवन कारावास की सज़ा ही दी गई है।