रक्षा मंत्री ने किया 44 नए पुलों का उद्घाटन, अधिकतर LAC के पास
क्या है खबर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को सीमा सड़क संगठन (BRO) द्वारा सीमाई इलाकों में बनाए 44 नए पुलों का औपचारिक उद्घाटन किया।
ये 44 उन 102 पुलों में से हैं, जिनका निर्माण BRO कर रहा है। इन पुलों से भारत के सबसे भारी टैंकों को गुजारा जा सकता है।
एक अधिकारी ने बताया कि 44 में से 30 पुल लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के रास्ते में आते हैं।
खूबी
70 टन तक वजन सह सकते हैं ये पुल
ये सभी पुल क्लास 70 श्रेणी के हैं। इसका मतलब ये हुआ ये पुल 70 टन तक का वजन सह सकते हैं। भारत की सबसे भारी टैंक अर्जुन 60 टन और T-90 भीष्म टैंक 45 टन का है।
रणनीतिक रूप से अहम इन पुलों के निर्माण से सीमाई इलाकों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी और सेना पहले की तुलना में जल्दी ठिकानों तक पहुंच सकेगी।
सीमा पर मौजूदा तनावपूर्ण हालातों को देखते हुए इनकी अहमियत और बढ़ जाती है।
लक्ष्य
इस साल 102 पुल बनाएगा BRO
इससे पहले केंद्र सरकार ने BRO का हर साल 50 पुल बनाने का लक्ष्य बढ़ाकर दोगुना कर दिया था। संगठन इस साल 102 पुल का निर्माण कर रहा है।
भारत सीमाई आधारभूत ढांचे का निर्माण में चीन से पीछे है। चीन ने पिछले कुछ सालों में LAC के पास अपने आधारभूत ढांचे में तेजी से विकास किया है।
संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि बहुत समय बीत चुका है। अब पहले की तरह काम नहीं हो सकता।
नए पुलों का उद्घाटन
किस राज्य में बने कितने पुल?
सीमा सड़क संगठन के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने कहा कि सोमवार को जिन पुलों का उद्घाटन किया गया है, वे इस साल की शुरुआत में शुरू हुए 10 पुलों से अलग है।
उन्होंने कहा कि इन 44 पुलों में से 10 जम्मू-कश्मीर में, आठ लद्दाख में, दो हिमाचल प्रदेश में, चार पंजाब में, आठ-आठ उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में और चार सिक्किम में है।
इन्हें सेना के साथ-साथ आम लोगों के आवागमन के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा।
जानकारी
30-484 मीटर तक है पुलों की लंबाई
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने आगे कहा कि ये पुल 30 मीटर से 484 मीटर तक की लंबाई है। इनमें से कुछ ऐसे जगहों पर बने हैं, जहां 30 मीटर का पुल बनाना दूसरी जगहों पर 1,000 मीटर का पुल बनाने से भी मुश्किल है।
प्रशंसा
रक्षा मंत्री ने की BRO की तारीफ
इन पुलों के उद्घाटन के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संगठन की खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि संगठन मुश्किल परिस्थितियों और चुनौतीपूर्ण मौसम में डटकर काम कर रहा है। महामारी के बावजूद यह बिना रूके और थके काम कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि इन इलाकों में बड़ी संख्या में सैनिक तैनात हैं, जहां कई महीनों तक आने-जाने की सुविधा नहीं होती थी। इनके बनने से उन्हें सहूलियत होगी।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये पुलों का वीडियो
44 Bridges made by BRO across 7 States/ UTs (JK-10 Ladakh-8 HP-2 Punjab-4 Uttarakhand-8 Arunachal-8 Sikkim-4) will be dedicated to the Nation by Raksha Mantri Shri @rajnathsingh in a short while from now. pic.twitter.com/zZZW3aTIsR
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) October 12, 2020
अटल सुरंग
कुछ दिन पहले खोली गई थी अटल सुरंग
रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इन पुलों के उद्घाटन से कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने अटल सुरंग का उद्घाटन किया था।
नौ किलोमीटर लंबी इस सुरंग के बनने से मनाली से लेह के बीच 474 किलोमीटर की दूरी घटकर 428 किलोमीटर रह गई है।
यह सुरंग सिंगल ट्यूब डबल लेन वाली है। इसकी चौड़ाई 10.5 मीटर है और इसे रोजाना 3,000 कारें और 1,500 ट्रकों का ट्रैफिक झेलने के लिहाज से तैयार किया गया है।