ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट BA.2 के बारे में अभी तक क्या-क्या पता है?
दुनिया अभी कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपट नहीं पाई है और परेशानियों को बढ़ाने के लिए इस वेरिएंट का एक और सब-वेरिएंट सामने आ गया है। BA.2 नामक ये सब-वेरिएंट यूं तो भारत समेत 40 से अधिक देशों में पाया जा चुका है, लेकिन ये डेनमार्क में प्रमुखता से फैल रहा है और यहां सबसे हावी वेरिएंट बन गया है। हमें इस वेरिएंट के बारे में अभी तक क्या-क्या पता चला है, आइए जानते हैं।
डेनमार्क और अन्य देशों में BA.2 की क्या स्थिति?
BA.1 ओमिक्रॉन का सबसे प्रमुख वंश है और ये दुनियाभर में इसके 98 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है। हालांकि डेनमार्क में BA.2 सब-वेरिएंट ने इसे पछाड़ दिया है और जनवरी के दूसरे हफ्ते में ही सबसे हावी वेरिएंट बन गया। ब्रिटेन, स्वीडन और नॉर्वे में भी BA.2 के मामले सामने आए हैं, लेकिन ये डेनमार्क के मुकाबले कम हैं। भारत में भी अच्छी-खासी मात्रा में BA.2 के मामले मिले हैं।
क्या ओमिक्रॉन से अधिक संक्रामक है नया सब-वेरिएंट?
डेनमार्क के स्वास्थ्य मंत्री मैग्नस ह्यूनिक ने बुधवार को देश को संबोधित करते हुए कहा कि BA.2 सब-वेरिएंट ओमिक्रॉन के प्रमुख BA.1 वेरिएंट से अधिक संक्रामक प्रतीत होता है। वहीं संक्रामक बीमारियों से संबंधित डेनमार्क के शीर्ष संस्थान स्टेटन्स सीरम इंस्टीट्यूट (SSI) ने एक नोट में कहा कि BA.2 सब-वेरिएंट BA.1 से डेढ़ गुना अधिक संक्रामक हो सकता है। उसने कहा कि ये वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के साथ-साथ वैक्सीनेटेड लोगों को भी अधिक मात्रा में संक्रमित करता है।
क्या अधिक घातक है BA.2 वेरिएंट?
SSI ने अपने नोट में कहा कि शुरूआती जांच में BA.2 के कारण अस्पताल में भर्ती होने के खतरे में BA.1 के मुकाबले कोई बदलाव नजर नहीं आया। इसका मतलब BA.2 सब-वेरिएंट BA.1 से अधिक संक्रामक तो है, लेकिन अधिक घातक नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ह्यूनिक ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि BA.2 अधिक गंभीर रूप से बीमार करता है।
अन्य देशों ने क्या कहा?
यूनाइटेड किंगडम (UK) ने BA.2 को 'वेरिएंट अंडर इंवेस्टिगेशन' की श्रेणी में रखा है और इस पर निगरानी रखी जा रही है। उसका कहना है कि ये अधिक संक्रामक हो सकता है। इसी तरह फ्रांस के महामारी विशेषज्ञ एंटोयनी फ्लाहॉल्ट ने कहा, "वैज्ञानिकों को वायरस में हो रहे बदलावों पर नजर रखनी चाहिए। अभी BA.2 को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार नहीं दिया गया है, लेकिन दुनिया को इसे लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।"
BA.2 के बारे में सबसे चिंताजनक बात क्या?
BA.2 सब-वेरिएंट से संंबंधित सबसे चिंतनीय बात ये है कि ये RT-PCR टेस्ट को कुछ हद तक मात देने में कामयाब रहता। वेरिएंट में हुए बदलाव के कारण ऐसा हुआ है और इसलिए इसके प्रसार का वास्तविक अंदाजा लगाना कठिन है।
नए वर्जन से महामारी की दिशा बदलने का कोई संकेत नहीं
लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज से जुड़े वायरलॉजिस्ट टॉम पीकॉक के अनुसार, कई देश ओमिक्रॉन के कारण आई लहर के चरम के पास पहुंच गए हैं और उन्हें नहीं लगता कि BA.2 नई लहर का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह डेल्टा वेरिएंट से ओमिक्रॉन जैसा बदलाव नहीं होगा। वहीं फ्रांस के स्वास्थ्य मंत्री ऑलिवियर वेरान ने कहा कि यह सामान्य वेरिएंट की तरह लग रहा है और उन्हें नहीं लगता कि नया वर्जन कोई 'गेम चेंजर' साबित होगा।