WHO की मंजूरी ने 'कोवैक्सिन' का दुनियाभर में उपयोग का रास्ता खोला- ICMR प्रमुख
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार शाम को हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर तैयार की गई कोरोना वायरस वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसके बाद भारतीयों को विदेश यात्रा में बड़ी राहत मिली है। इसी बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि इस मंजूरी ने 'कोवैक्सिन' का दुनियाभर में उपयोग का रास्ता खोल दिया।
भारतय बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर तैयार की है 'कोवैक्सिन'
बता दें कि भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की। भारत के अलावा ब्राजील जैसे कुछ देशों ने भी इसकी खुराकें मांगी हैं।
WHO ने TAG की सिफारिश के बाद दी मंजूरी
बता दें कि WHO के तकनीकी सलाहकार समूह (TAG) ने वैक्सीन को मंजूरी देने के निर्णय पर बुधवार को बैठक की थी। इसमें तय किया गया कि कोवैक्सीन कोरोना से सुरक्षा के लिए WHO के मानकों को पूरा करती है। इसके लाभ जोखिम से ज्यादा हैं और इसका उपयोग दुनिया भर में किया जा सकता है। इसके बाद उसने मंजूरी की सिफारिश कर दी थी। इस सिफारिश के आधार पर WHO ने शाम को वैक्सीन को मंजूरी जारी कर दी।
WHO की मंजूरी देश के लिए है महान दिन- भार्गव
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, भार्गव ने WHO से मंजूरी के बाद कहा, "यह भारत के लिए एक महान दिन है। यह इस बात का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि इस क्षेत्र में निजी-सार्वजनिक भागीदारी कैसे सफल रही है।" उन्होंने आगे कहा, "वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत से ही आज यह स्वीकृति मिली है। यह भारत को बहुत गौरवान्वित करता है। हमें देश की प्रगति के लिए इस गति को भविष्य में बनाए रखना चाहिए।"
'कोवैक्सिन' के पूरी दुनिया में उपयोग का रास्ता खुला- भार्गव
भार्गव ने कहा, "कोवैक्सिन को WHO से मंजूरी मिलने का मतलब यह है कि अब इसे पूरी दुनिया में कहीं भी निर्यात किया जा सकता है। भारत में बड़ी संख्या में लोगों पर इसका उपयोग किया जा चुका है। ऐसे में आने वाले समय में इसे दुनिया के अन्य देशों में भी भेजा जा सकेगा।" उन्होंने कहा, "वैक्सीन को मंजूरी मिलने से भारतीयों को अन्य देशों की यात्रा करने में भी आसानी होगी और उन्हें प्रतिबंध नहीं झेलने पड़ेंगे।"
लंबी जांच-पड़ताल के बाद दी गई है 'कोवैक्सिन' को मंजूरी
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से लगातार उम्मीदें जताई जा रही थी कि कोवैक्सिन को जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी, लेकिन WHO के तकनीकी सलाहकार समूह (TAG) द्वारा बार-बार नए-नए डाटा मांगने से इसकी मंजूरी आगे बढ़ती गई। भारत बायोटेक की तरफ से भी मांगे गए सभी दस्तावेज सौंपे जा रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी G-20 समिट के दौरान कोवैक्सिन को जल्द मंजूरी देने की अपील की थी। इसके बाद आखिरकार मंजूरी मिल गई।