भारतीयों में बढ़ रही मधुमेह और मोटापे की बीमारी, अध्ययन में हुए चौंकाने वाले खुलासे
क्या है खबर?
भारत में गैर-संचारी रोगों (NCD) को लेकर हुए एक अध्ययन में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस अध्ययन में पाया गया है कि देश में मधुमेह और उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) का प्रसार पहले से काफी अधिक है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन मद्रास द्वारा किये इस अध्ययन का निष्कर्ष द लांसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
आइए इस अध्ययन के निष्कर्ष जानते हैं।
अध्ययन
अध्ययन में देश के सभी राज्यों को किया गया है शामिल
देश में NCD के अंतर्गत किए गए इस अध्ययन में सभी राज्यों को शामिल किया गया है।
भारत के मेटाबोलिक गैर-संचारी स्वास्थ्य रिपोर्ट-ICMR-इंडियाब नेशनल क्रॉस-सेक्शनल स्टडी शीर्षक वाले इस अध्ययन से पता चला है कि मधुमेह का राष्ट्रीय प्रसार 11.4 प्रतिशत है, जबकि 35.5 प्रतिशत भारतीय उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।
इसके अलावा देश में पूरे शरीर में मोटापा और पेट के मोटापे का प्रसार क्रमशः 28.6 और 39.5 प्रतिशत के करीब था।
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देश में 25 प्रतिशत लोग हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से पीड़ित
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि देश में 24 प्रतिशत (21.3 करोड़) भारतीय हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से पीड़ित हैं। इस स्थिति में वसा धमनियों में जमा हो जाती है और लोगों को दिल के दौरे के साथ स्ट्रोक आने का खतरा भी बढ़ जाता है।
अध्ययन से निष्कर्ष निकाला गया है कि देश में साल 2021 में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह और 13.6 करोड़ लोग प्री-डायबिटीज से पीड़ित थे, जबकि 31.5 करोड़ लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या थी।
चिंता
15.3 प्रतिशत भारतीय प्री-डायबिटीज से पीड़ित
इस अध्ययन में कहा गया है कि लगभग 15.3 प्रतिशत प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो मधुमेह के चरण में प्रवेश करने से ठीक पहले की स्थिति है।
इसके अलावा 25.4 करोड़ (28 प्रतिशत) लोगों को सामान्य मोटापा और 35.1 करोड़ (40 प्रतिशत) लोगों को पेट का मोटापा है।
इन आकंड़ों को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत में मधुमेह और दूसरे मेटाबोलिक NCD का प्रसार पहले के अनुमान से काफी अधिक है।
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भारत में 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से ग्रसित
इस अध्ययन का निष्कर्ष 2008 और 2020 के बीच देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,13,043 लोगों (33,537 शहरी और 79,506 ग्रामीणों) के सर्वेक्षण पर आधारित हैं।
इसमें पता चला है कि देश में 13.6 करोड़ प्री-डायबिटिक हैं, जबकि 10.1 करोड़ लोगों मधुमेह की बीमारी से ग्रसित हैं।
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुमान के अनुसार, भारत में अब तक लगभग 7.7 करोड़ लोग मधुमेह की चपेट में आ चुके हैं।
जानकारी
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट
साल 2019-2021 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में कहा गया था कि देश में 21 प्रतिशत महिलाओं और 15 साल से अधिक के 24 प्रतिशत पुरुषों को उच्च रक्तचाप की शिकायत थी, जबकि 15 से 49 साल के बीच 10.4 प्रतिशत लोगों में मोटापा था।
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राज्यों के बीच NCD प्रसार में अंतर
अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में लगभग सभी में NCD की उच्च दर पाई गई है।
अध्ययन में पता चला है कि राज्यों के बीच NCD के प्रसार में भी बड़ा अंतर था। उदाहरण के लिए पुडुचेरी में मोटापे का सबसे अधिक प्रचलन है, जबकि सिक्किम और गोवा में क्रमशः प्रीडायबिटीज और मधुमेह का उच्चतम प्रसार है।
इसके अलावा केरल में उच्च रक्तचाप में 50 प्रतिशत से अधिक प्रसार देखा गया है।