भारत ने ट्विटर से की पत्रकारों और समाचार संगठनों की पोस्ट हटाने की सबसे ज्यादा मांग
भारत ने पिछले साल जुलाई से दिसंबर के बीच ट्विटर से दुनिया में सबसे ज्यादा वेरिफाइड पत्रकारों और समाचार संगठनों की पोस्ट हटाने की कानूनी मांग की थी। इसके अलावा सोशल मीडिया कंपनी की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में सामने आया है कि अमेरिका के बाद भारत ने सबसे ज्यादा अकाउंट की जानकारी मांगी थी, जो विश्वभर से मांगी गई जानकारी का 19 प्रतिशत थी। वहीं ट्विटर पर कंटेट ब्लॉक करवाने में भारत पहले पांच स्थानों पर रहा है।
पत्रकारों और समाचार संगठनों की पोस्ट हटाने की बढ़ी मांग
ट्विटर ने बताया कि दुनियाभर के 349 पत्रकारों और समाचार संगठनों की पोस्ट हटाने के लिए 326 कानूनी मांगें आई थीं। यह जनवरी-जून, 2021 के बीच आई मांगों से ज्यादा है। इनमें से 114 मांगें भारत, 78 तुर्की और 55 रूस ने की थी। पिछले साल जनवरी-जून के बीच भी भारत ने सबसे ज्यादा (89) पोस्ट हटाने की मांग की थी। इसका मतलब है कि भारत ने पूरे साल में सबसे ज्यादा पोस्ट हटाने की मांग की है।
कंटेट हटाने के लिए भारत ने किए 8 प्रतिशत आवेदन
भारत से मिली मांग की जानकारी देते हुए सोशल मीडिया कंपनी ने बताया कि उसे पिछले साल के आखिरी छह महीनों में कंटेट हटाने के लिए दुनियाभर से 47,572 निवेदन मिले थे, जिनमें से 3,992 (8 प्रतिशत) भारत से थे। इनमें से 23 अदालती आदेश और 3,969 अन्य निवेदन थे। भारत के अलावा रूस, जापान, तुर्की आदि से ज्यादा मांगें गई थीं। इस दौरान भारत में 88 अकाउंट्स और 303 ट्वीट्स को भारत में विदहेल्ड किया गया था।
कानूनी मांग का मतलब क्या हुआ?
कंपनी ने बताया कि कानूनी मांग का मतलब पोस्ट हटाने के लिए आने वाले अदालती आदेशों, सरकार, सरकार और व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की तरफ से आने वाली औपचारिक मांग होती है। ट्विटर ने बताया कि उसे राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग की तरफ से भी एक बड़े राजनेता की एक पोस्ट हटाने की मांग की गई थी, जिसमें एक नाबालिग का जिक्र था। ट्विटर ने नाम नहीं लिया, लेकिन यह राहुल गांधी की पोस्ट थी।
अमेरिका ने मांगी सबसे ज्यादा अकाउंट्स की जानकारी
बीते साल अमेरिका ने सबसे ज्यादा अकाउंट्स की जानकारी मांगी थी, जो कुल वैश्विक मांग का 20 प्रतिशत था। इसके बाद दूसरे स्थान पर भारत रहा। इस मामले में शीर्ष पांच देशों की बात करें तो जापान, फ्रांस और जर्मनी शामिल रहे।
सरकार के आदेश के खिलाफ कोर्ट गई है ट्विटर
इस महीने की शुरुआत में ट्विटर ने केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल कुछ अकाउंट्स से कंटेंट हटाने के आदेश को कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कंपनी ने सरकार के इन आदेशों को सत्ता का दुरुपयोग बताया है और उन्हें कानूनी तौर पर चुनौती देते हुए हाई कोर्ट से सरकार को इन आदेशों को वापस लेने के निर्देश देने की मांग की थी। कंपनी का कहना था कि यह आदेश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है।