कर्नाटक में ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरी में मिलेगा एक प्रतिशत आरक्षण, सरकार ने जारी की अधिसूचना
कर्नाटक सरकार ने ट्रांसजेंडरों के प्रति भेदभाव को मिटाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य की सरकारी नौकरियों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को एक प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया है और इसके लिए मंगलवार शाम को एक अधिसूचना भी जारी कर दी है। इसके तहत राज्य की किसी भी सेवा या पद के लिए ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। सरकार के इस कदम से ट्रांसजेंडरों में खुशी की लहर है।
ट्रांसजेंडरों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ने लागू किया था अधिनियम
बता दें कि देश में ट्रांसजेंडर समुदायक के उत्थान के लिए केंद्र सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2019 लेकर आई थी। इसे 5 अगस्त, 2019 को लोकसभा और 26 नवम्बर, 2019 को राज्यसभा में पास किया गया था। इसका उद्देश्य ट्रांसजेंडरों के साथ शैक्षणिक, रोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं में भेदभाव को खत्म करना, उनकी पहचान को मान्यता देना, माता-पिता के साथ रहने की छूट और उनके लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाना था।
ट्रांसजेंडरों के हितों के लिए संगमा संगठन ने दायर की थी याचिका
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने पिछले महीने स्पेशल रिजर्व कॉन्सटेबल फोर्स के 2,420 और बैंड्समेन की 252 पदों पर भर्ती निकाली थी, लेकिन इसमें ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग श्रेणी नहीं थी। इसको लेकर LGBTQ समुदाय, सेक्स वर्कर्स और HIV संक्रमित लोगों के लिए काम करने संगमा संगठन ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उसने राज्य की सभी भर्तियों में ट्रांसजेंडरों के लिए अगल श्रेणी बनाने और आरक्षण देने की मांग की थी।
संगठन ने याचिका में दिया था सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला
संगठन ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया था, जिसमें कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को 'थर्ड जेंडर' के रूप में पहचान देने और उनके पास संवैधानिक और मूल अधिकार होने की बात कही थी। इस पर कोर्ट ने जवाब मांगा था।
कर्नाटक सरकार ने कोर्ट में कही थी एक प्रतिशत आरक्षण देने की बात
मामले की सुनवाई में 21 जून को कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि उसने ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरियों में एक प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया है। यह आरक्षण सभी श्रेणियों में दिया जाएगा। सरकार ने यह भी बताया था कि इस संबध में कर्नाटक सिविल सेवा नियम, 1977 में बदलाव के लिए जरूरी कदम उठाए जा चुके हैं। इसको लेकर अगले कुछ दिनों में आधिकारिक तौर पर अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
सभी श्रेणियों में दिया जाएगा ट्रांसजेंडरों का आरक्षण
सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि कर्नाटक सिविल सेवा नियम, 1977 के नियम 9 में संशोधन के बाद अब ट्रांसजेंडर समुदायक को सभी सरकारी नौकरियों में सामान्य, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की मैरिट में एक प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसी तरह अधिकारियों ने भर्ती के आवेदनों में लिंग पहचान के लिए 'थर्ड जेंडर या अन्य' का कॉलम देने के भी निर्देश दिए हैं।
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 का पालन करेगी सरकार
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि कर्नाटक सरकार ट्रांसजेंडरों के उत्थान के लिए लागू ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 का पूरी तरह से पालन करेगी। इसमें ट्रांसजेंडरों से कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। इसके तहत सरकारी नौकरियों में सभी श्रेणियों में ट्रांसजेंडरों को एक प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, लेकिन यदि उस श्रेणी में कोई ट्रांसजेंडर आवेदक नहीं होगा तो पदों को संबंधित श्रेणी के उम्मीदवारों से भरा जाएगा।
सरकार ने हाई कोर्ट को भेजी अधिसूचना की कॉपी
कर्नाटक सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए संशोधित अधिसूचना जारी करने के बाद उसकी एक कॉपी कर्नाटक हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और जस्टिस सूरज गोविंदराज की खंडपीठ को भी भेजी है।