
पाकिस्तान पर आर्थिक प्रहार की तैयारी में भारत, FATF और विश्व बैंक से करेगा ये अपील
क्या है खबर?
पाकिस्तान पर सैन्य और कूटनीतिक प्रहार के बाद अब भारत उसे आर्थिक झटका देने की तैयारी में है।
भारत विश्व बैंक और आतंकवाद के वित्तपोषण पर निगरानी रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) से पाकिस्तान के ऋण और उसे ग्रे सूची में डालने के लिए संपर्क करने की तैयारी कर रहा है।
भारत पाकिस्तान के आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का हवाला देते हुए इन संस्थाओं से उसे ऋण न देने और आर्थिक प्रतिबंध लगाने की मांग करेगा।
FATF
FATF को डोजियर सौंपेगा भारत
दरअसल, जून में FATF की बैठक होनी है। इसमें भारत पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' में डालने के लिए उसके खिलाफ आतंकी फंडिंग के आरोपों को उठाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारत उन कानूनी प्रावधानों का पालन न करने की ओर ध्यान दिलाएगा, जिनका पालन करने का वादा उसने 2022 में 'ग्रे सूची' से हटने के लिए किया था।
एक सूत्र ने कहा, "हम इस पर विचार करेंगे। इसके लिए तैयारी चल रही है। सरकार डोजियर तैयार कर रही है।"
विश्व बैंक
विश्व बैंक से भी ये अपील करेगा भारत
अगले महीने में ही विश्व बैंक की भी अहम बैठक होनी है।
इंडिया टुडे के मुताबिक, भारत विश्व बैंक से अनुरोध करेगा कि वो पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर के पैकेज की अपेक्षित मंजूरी पर पुनर्विचार करे।
भारत का मानना है कि यह राशि पाकिस्तान को बिना किसी सख्त शर्तों के दी जा रही है और उसका रिकॉर्ड आतंकी संगठनों को पनाह देने और फंडिंग करने का रहा है।
आपत्ति
वित्त मंत्री ने IMF की प्रबंध निदेशक से की बात
NDTV के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से बात की और उनसे पाकिस्तान को किसी भी तरह की वित्तीय सहायता मंजूर न करने का आग्रह किया।
भारत ने IMF को बताया कि भारत वित्तीय सहायता देने के खिलाफ नहीं है, लेकिन पैकेज की मंजूरी के समय पर आपत्ति जताई।
बता दें कि 9 मई को IMF ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी।
असर
अगर पाकिस्तान ग्रे सूची में शामिल हुआ तो क्या होगा?
अगर पाकिस्तान को ग्रे सूची में शामिल किया गया तो उसे विश्व बैंक जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से आर्थिक सहायता मिलना बंद हो जाएगी।
विदेश से आने वाला निवेश भी कम हो जाएगा, जिससे व्यापार बुरी तरह से प्रभावित होगा।
पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा। वित्तीय संस्थानों और देशों से ऋण प्राप्त करने में समस्या आएगी।
जून, 2018 से अक्टूबर, 2022 तक पाकिस्तान FATF की ग्रे सूची में रह चुका है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए दूसरों खतरों को रोकने के लिए कानूनी और दूसरे कदम उठाना है।
इसका सचिवालय पेरिस में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) मुख्यालय में स्थित है।
भारत समेत 40 देश इसके सदस्य है, लेकिन पाकिस्तान इसमें नहीं है। पाकिस्तान एशिया पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (APG) का सदस्य है।
FATF साल में 3 बार ग्रे और ब्लैक सूची जारी करता है।