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चीन से तनाव के बीच भारत ने 35 दिनों में किया 10 मिसाइलों का परीक्षण

चीन से तनाव के बीच भारत ने 35 दिनों में किया 10 मिसाइलों का परीक्षण

Oct 10, 2020
09:13 pm

क्या है खबर?

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ बढ़े तनाव के बीच भारत अपने रक्षा तंत्र को मजबूत करने में जुटा हुआ है। भारत लगातार मिसाइल और ताकतवर हथियारों का परीक्षण कर रहा है। इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) अगले सप्ताह एक और ताकतवर मिसाइल 'निर्भय' का परीक्षण करेगा। यह पिछले 35 दिनों में भारत का दसवां मिसाइल परीक्षण होगा। यहां जानते हैं अब तक किए गए परीक्षण और उन मिसाइलों की ताकत।

#1

भारत ने 7 सितंबर को किया था हाइपरसोनिक टेक्‍नोलॉजी डिमॉन्‍स्‍ट्रेटर व्हीकल का परीक्षण

DRDO ने सबसे पहले 7 सितंबर को हाइपरसोनिक टेक्‍नोलॉजी डिमॉन्‍स्‍ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया था। उसके साथ ही भारत हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक विकसित करने वाला अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश बन गया। यह हवा में आवाज की गति से छह गुना ज्‍यादा रफ्तार से दूरी तय करता है। दुश्‍मन देश के एयर डिफेंस सिस्‍टम को इसकी भनक नहीं लग पाती है। यह अपने साथ लॉन्‍ग रेंज और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें ले जा सकता है।

#2

22 सितंबर को किया 'अभ्यास' का परीक्षण

DRDO ने 22 सितंबर को ओडीशा के बालासोर में हाई स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टार्गेट (HEAT) 'अभ्यास' का सफल परीक्षण किया था। परीक्षण में विभिन्न रडारों और इलेक्ट्रो ऑप्टिक प्रणाली के जरिये इसकी निगरानी की गई थी। इसका उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है। यह एक छोटे गैस टरबाइन इंजन और MEMS नेविगेशन सिस्टम पर काम करता है। यह नवीन तकनीक का उदाहरण है।

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#3

लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण

DRDO ने 22 सितंबर को ही लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। उसे महाराष्ट्र के अहमदनगर में MBT अर्जुन टैंक से दागा गया था। इसे कई-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता के साथ विकसित किया गया है। यह मिसाइल मॉडर्न टैंक्‍स से लेकर भविष्‍य के टैंक्‍स को भी नेस्‍तनाबूद करने में सक्षम है। इसका हेड हिलते हुए लक्ष्य पर निशाना बांधने में सक्षम बनाता है। इसे कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हेलिकॉप्‍टर्स भी ढेर हो सकते हैं।

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जानकारी

23 सितंबर को किया पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण

DRDO ने 23 सितंबर को ही देश में विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल रात्रिकालीन परीक्षण किया था। सतह से सतह पर मार करने वाली यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर की है।

#5

30 सितंबर को किया सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' का परीक्षण

DRDO ने 30 सितंबर को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' के विस्तारित रेंज वर्जन का सफल परीक्षण किया था। यह मिसाइल 450 किमी तक की दूरी और 200 किलो का पारंपरिक वॉरहेड ले जाने की क्षमता रखती है। नौ मीटर लंबी और 670 मिमी व्यास वाली यह मिसाइल 14 किमी तक की ऊंचाई तक जा सकती है और 20 किमी की दूरी पर मार्ग बदल लेती है। इसे पनडुब्बी, जहाज, एयरक्राफ्ट या जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है।

जानकारी

1 अक्टूबर को किया लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का दूसरा परीक्षण

DRDO ने 1 अक्टूबर को लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का दूसरा सफल परीक्षण किया था। इसकी मारक क्षमता पांच किलोमीटर है। यह मिसाइल विस्फोटक प्रतिक्रिया बख्तर से सुरक्षित बख्तरबंद वाहनों को डेढ़ से पांच किलोमीटर के रेंज में ध्वस्त कर सकती है।

#7

3 अक्टूबर को किया गया था सुपरसोनिक 'शौर्य' मिसाइल का परीक्षण

DRDO ने 3 अक्टूबर को सुपरसोनिक तकनीक से विकसित 'शौर्य' मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह हल्की है और इसे आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। इसकी मारक्ष क्षमता 1,000 किलोमीटर है। जमीन से जमीन पर मार करने वाली यह मिसाइल पनडुब्बी से लांच किए जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का जमीनी रूप है। यह आवाज की गति से छह गुना अधिक रफ्तार से चलती है। इसे ट्रैक करने के लिए 400 सैकंड से भी कम समय मिलता है।

#8

5 अक्टूबर को किया सुपरसोनिक 'स्मार्ट' मिसाइल का परीक्षण

DRDO ने 5 अक्टूबर को देश में विकसित 'सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो' (स्मार्ट) का ओडिशा के बालासोर से सफल परीक्षण किया। यह एक तरह की सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल है। इसके साथ कम वजन का टॉरपीडो लगा है जो पेलोड की तरह इस्तेमाल होता है। दोनों इसे एक सुपरसोनिक एंटी-सबमरीन मिसाइल बनाते हैं यानी इसमें मिसाइल के फीचर्स भी मिलेंगे और पनडुब्बी नष्ट करने की क्षमता भी। इसी क्षमता 650 किलोमीटर है।

#9

शुक्रवार को किया था पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का सफल परीक्षण

DRDO ने शुक्रवार को पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल 'रूद्रम' का सफल परीक्षण किया। इसे सुखोई-30 लड़ाकू विमान से दागा गया था। इस मिसाइल को लॉन्च प्लेटफॉर्म के रूप में सुखोई-30 लड़ाकू विमान पर लगाया गया है। लॉन्च की स्थिति के आधार पर यह मिसाइल अलग-अलग दूरी तक मार कर सकती है। इसमें लगा पैसिव होमिंग हेड अलग-अलग फ्रेक्वेंसी पर लक्ष्यों की पहचान कर और उन्हें वर्गीकृत कर निशाना साध सकता है।

जानकारी

अगले सप्ताह किया जाएगा सब-सोनिक क्रूज मिसाइल 'निर्भय' का परीक्षण

DRDO के अधिकारियों के अनुसार अगले सप्ताह में सब-सोनिक क्रूज मिसाइल 'निर्भय' का परीक्षण किया जाएगा। इसकी मारक क्षमता 800 किलोमीटर की होगी। इस परीक्षण के सफल होने से रक्षा क्षेत्र में भारत की ताकत और अधिक बढ़ जाएगी।

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