भीम आर्मी प्रमुख ने पैसों के लिए जातिगत हिंसा से किया इनकार, योगी को दी चुनौती
हाथरस में दलित युवती की गैंगरेप के बाद मौत के मामले में जहां एक ओर विपक्षी पार्टियां उत्तर प्रदेश सरकार पर हमलावर हो रही है, वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच में कुछ संगठनों के पैसे लेकर जातिगत हिंसा फैलाने की योजना बनाने की बात कही है। पुलिस को इसमें भीम आर्मी के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के साथ संलिप्त होने के संकेत भी मिले हैं। अब भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इन आरोपों का खंडन किया है।
पुलिस ने किया था जातिगत हिंसा के लिए 100 करोड़ की फंडिंग का दावा
उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया था कि हाथरस मामले के नाम पर उत्तर प्रदेश में जातिगत हिंसा फैलाने की योजना बनाई गई थी, सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता ने इसे विफल कर दिया। पुलिस के अनुसार PFI को इस मामले में 50 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई है और ये सब मॉरीशस के रास्ते उन तक पहुंचा है। इतना ही नहीं हाथरस के बहाने 100 करोड़ की फंडिंग की जा चुकी है और इसमें अन्य संगठन भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था बयान
मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था कि कुछ समूहों को हाथरस की घटना की आड़ में राज्य में जातिगत हिंसा फैलाने के लिए धन प्राप्त हुआ था। इसकी जांच के लिए राज्य में कुल 19 मामले दर्ज किए गए हैं।
भीम आर्मी प्रमुख ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दी चुनौती
चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को आरोपों का खंडन किया और ट्वीट कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती दी है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं योगी आदित्यनाथ जी को चैलेंज करता हूं कि कोई भी जांच करवा लें, 100 करोड़ तो दूर की बात यदि मेरे पास एक लाख रुपये भी मिल जाएं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा वरना आप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दीजिए। मेरा जीवन मेरे समाज के प्रति समर्पित है और मेरा खर्च मेरा समाज उठाता है।'
ED ने कही भीम आर्मी का PFI से संबंध नहीं होने की बात
मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्पष्ट कर दिया है कि जांच में भीम आर्मी का PFI से कोई संबंध नहीं मिला है। इसके बाद चंद्रशेखर ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह हाथरस कांड में न्याय की मांग कर रहे लोगों और संगठनों पर अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का आरोप लगाकर देश की जनता का मामले से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सरकार द्वारा संगठन पर लगाए गए मिलिभगत के आरोपों पर जमकर गुस्सा जाहिर किया है।
पुलिस ने PFI के मुखपत्र के संपादक को किया गिरफ्तार
मामले में राज्य की सुरक्षा एजेंसियों की ओर से जातिगत हिंसा फैलाए जाने की बात कहने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए PFI के मुखपत्र के संपादक सिद्दिकी कप्पन को गिरफ्तार कर लिया था। वह शाहीन बाग के PFI कार्यालय का सचिव भी था। उसे मथुरा के पास एक टोल प्लाजा से उस वक्त गिरफ्तार किया गया था जब वह अपने कुछ साथियों के साथ दिल्ली से हाथरस जाने की फिराक में था। वह अभी भी हिरासत में है।