भारत-चीन तनाव: फिंगर्स एरिया में भी चली थीं गोलियां, सैनिकों ने किए थे 100-200 हवाई फायर
7 सितंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच चुशूल में हुई फायरिंग एकमात्र ऐसी घटना नहीं थी और इसके अलावा भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं। 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, फायरिंग की सबसे बड़ी घटना पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई थी और यहां दोनों देशों के सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर 100-200 गोलियां चलाई थीं। ये घटना दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात से पहले हुई थी।
29-30 अगस्त को भारत की कार्रवाई के बाद हुई हैं हवाई फायरिंग की कई घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, 29-30 अगस्त को भारतीय सेना के पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित चोटियों पर कब्जा करने के बाद चीनी सैनिक कई बार उन्हें वहां से हटाने की कोशिश कर चुके हैं और इसी दौरान फायरिंग की घटनाएं हुई हैं। इन्हीं में से एक घटना 7 सितंबर को हुई थी जब चुशूल सब-सेक्टर की चोटियों पर बैठे भारतीय सैनिकों को हटाने के लिए आए चीनी सैनिकों ने हवाई फायरिंग की थी।
चुशूल की घटना के बाद फिंगर्स एरिया में भी हुई थी फायरिंग
7 सितंबर को हुई इस घटना के बारे में दोनों देशों ने बयान जारी किया था और ये फायरिंग की एकमात्र ऐसी घटना थी जिसके बारे में जानकारी उपलब्ध थी। अब सामने आया है कि इस घटना के बाद और 10 सितंबर को मॉस्क में दोनों देशों के बीच मुलाकात से पहले पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित फिंगर्स एरिया में भी फायरिंग हुई थी और दोनों देशों के सैनिकों ने 100 से 200 हवाई फायर किए थे।
फिंगर तीन और फिंगर चार के बीच हुई थी घटना
एक सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 29-30 अगस्त की कार्रवाई के बाद भारत ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर भी अपनी पॉजिशनों में बदलाव किया था और इसी दौरान फायरिंग की ये घटना हुई। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिकों ने फिंगर तीन के आसपास की चोटियों पर अपनी तैनाती की थी और जहां फिगर तीन और फिंगर चार की चोटियां मिलकर एक होती है, वहीं ये घटना हुई थी। पहले चीनी सैनिकों ने गोलियां चलाई थीं।
चुशूल में दोनों देशों के सैनिकों के बीच मात्र 300 मीटर की दूरी
अधिकारियों के अनुसार, इस जगह पर अभी भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच 500 मीटर से भी कम की दूरी है। वहीं चुशूल सब-सेक्टर में दोनों देशों के सैनिक मात्र 300 मीटर की दूरी पर तैनात हैं। फिंगर्स इलाके में तैनाती पर उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक फिंगर चार पर चीन की तैनाती के ऊपर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है और फायरिंग की घटनाएं रुक गई हैं।
बढ़ गया है दोनों देशों के बीच वार्ता का स्तर
बता दें कि सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत औऱ चीन के बीत वार्ता का स्तर भी बढ़ गया है और दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री आपस में बैठक कर चुके हैं। 4 सितंबर को रक्षा मंत्रियों और 10 सितंबर को विदेश मंत्रियों के बीच बैठक हुई थी। रक्षा मंत्रियों के बीच हुई बैठक में तो कोई सहमति नहीं बनी, लेकिन विदेश मंत्रियों की बैठक में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी।