भारत में 60 प्रतिशत लोगों को लगी वैक्सीन की एक खुराक, दुनिया में सबसे अधिक- सरकार
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए सरकार द्वारा वैक्सीनेशन अभियान को दी गई गति के परिणाम सामने आने लगे हैं।
भारत में अब तक 60.7 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है।
इस तरह से भारत दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक देने वाला देश बन गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है।
वैक्सीनेशन
18.1 करोड़ लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन की दोनों खुराक
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में मंगलवार तक 60.7 प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है।
इसी तरह 18.1 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें दी जा चुकी है। इस तरह से भारत सबसे अधिक लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक देने वाला देश भी बन गया है।
यदि इस गति से वैक्सीनेशन चलता रहा तो बहुत जल्दी पूरी आबादी को वैक्सीन लग जाएगी।
सबसे ज्यादा
देश के ग्रामीण इलाकों में लगी सबसे अधिक वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वेबसाइट पर जारी की गई ई-बक में ने दावा किया गया है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में लोगों की वैक्सीन लगाई गई है।
नए आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगाई गई कुल वैक्सीन में से 62.54 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में ही लगाई गई है।
इसी तरह शहरी इलाकों में इसका प्रतिशत 36.30 रहा है। वहीं, 1.16 प्रतिशत वैक्सीनेशन को शहरी या ग्रामीण किसी भी श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है।
श्रेणी
देश में 52.5 पुरुषों को लगाई गई है वैक्सीन की खुराक
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि अभी तक के कुल वैक्सीनेशन में से 52.5 प्रतिशत खुराकें पुरुषों को लगाई गई है।
इसी तरह महिलाओं को महज 47.5 प्रतिशत खुराक ही लगाई जा सकी है। इसके अलावा 0.02 प्रतिशत खुराक तीसरे या अन्य जेंडर को लगाई गई है।
मंत्रालय के अनुसार, देश में वैक्सीनेशन के लिए नियमित रूप से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को इससे कोरोना महामारी से बचने के फायदे बताए जा रहे हैं।
अपील
राष्ट्रपति कोविंद ने की थी लोगों को जागरुक करने की अपील
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले सप्ताह वैक्सीन को कोरोना महामारी का एकमात्र उपचार बताते हुए चिकित्सा पेशेवरों से लोगों को इसके लिए जागरुक करने की अपील की थी।
इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी वैक्सीन को कोरोना एकमात्र उपचार बताया था।
उन्होंने कहा था कि वैक्सीन ही व्यापारियों और किसानों को अपना काम जारी रखने की अनुमति देगी। उन्होंने कहा था कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए वैक्सीनेशन ही आखिरी दवा है।
उम्मीद
किशोरों के लिए जल्द शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन
सरकार जल्द ही 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर सकती है।
जायडस कैडिला की तीन खुराक वाली वैक्सीन को भारत में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और व्यस्कों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, इसका इस्तेमाल शुरू होना बाकी है।
इसके अलावा बच्चों और किशोरों पर कोवैक्सिन का ट्रायल भी अंतिम दौर में है। इसे अगले महीने तक उपयोग की मंजूरी मिल सकती है।
वैक्सीनेशन
भारत में यह है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति
बता दें कि देश में 16 जनवरी से शुरू हुए मेगा वैक्सीनेशन अभियान में मंगलवार तक वैक्सीन 75,89,12,247 खुराकें लगाई जा चुकी है। इनमें मंगलवार को 61,15,690 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई थी।
देश में वैक्सीन की सबसे अधिक 8,97,71,769 खुराकें उत्तर प्रदेश में लगाई गई है।
इसी तरह महाराष्ट्र में 6,88,99,831, गुजरात में 5,29,86,623, मध्य प्रदेश में 5,21,80,990 और राजस्थान में 5,07,16,146 खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
वैक्सीनेशन
छह वैक्सीनों को मिल चुकी मंजूरी, तीन का हो रहा इस्तेमाल
भारत में अब तक कुछ छह कोरोना वैक्सीनों को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी हैं, लेकिन तीन का ही इस्तेमाल हो रहा है।
वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अप्रैल में हरी झंडी मिलने के बाद स्पूतनिक-V का इस्तेमाल शुरू हुआ था।
मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन और जायडस कैडिला की वैक्सीनों को भी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा।