दिल्ली में इस साल भी दिवाली पर नहीं फोड़ पाएंगे पटाखे, सरकार ने लगाया प्रतिबंध
दिल्लीवासियों को इस बार भी पिछली साल की तहर ही बिना पटाखों के दिवाली मनानी पड़ेगी। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की संभावना को देखते हुए इस बार भी पाटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वयं ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी है। बता दें कि दिल्ली में पिछले साल भी प्रदूषण के स्तर को देखते हुए 9 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखों की इस्तेमाल पर रोक लगाई गई थी।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यह किया है ट्वीट
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया है, 'पिछले तीन साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।' इस ट्वीट से पटाखा व्यापारियों में खलबली मच गई।
मुख्यमंत्री ने पटाखा व्यापारियों से की यह अपील
पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पटाखा व्यापारियों से भी आदेशों का पालन करने की अपील की है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के पश्चात प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।'
दिल्ली में सर्दियों के दौरान बढ़ जाता है प्रदूषण का स्तर
दिल्ली में हर साल सर्दियों के दौरान प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। हालाता इतने बिगड़ जाते हैं कि लोगों को सांस लेने तक में परेशानी होने लगती है। इसको देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पिछले साल 9 से 30 नवंबर तक दिल्ली-NCR क्षेत्र में पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी। उसके परिणामों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने इस बार भी प्रदूषण से निजात पाने के लिए पटाखों के इस्तेमाल पर बैन लगाया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को की थी बैठक
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को सर्दियों में प्रदूषण से निपटने का एक्शन प्लान तैयार करने लेकर संयुक्त बैठक की थी। इसमें सभी विभागों को एक्शन प्लान तैयार करने को लेकर जिम्मेदारियां सौंपी गई थी। बैठक के बाद राय ने कहा था कि बैठक का मकसद दिल्ली के अंदर प्रदूषण के खिलाफ इस जंग में संयुक्त कार्य योजना का निर्माण करना है। सभी विभागों को 21 सितंबर तक अपना एक्शन प्लान करने को कहा है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कही थी पराली की समस्या का समाधान निकालने की बात
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पराली जलाने और प्रदूषण को लेकर कुछ दिन पहले ही पराली जलाने की जगह बायो डिकम्पोजर के इस्तेमाल पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि अक्टूबर-नवम्बर आने वाला है और 10 अक्टूबर के आस-पास दिल्ली की हवा फिर से खराब होने लगेगी। इसका बड़ा कारण पराली जलाने से आने वाला धुआं है। अभी तक सभी राज्य एक-दूसरे पर छींटाकशी करते रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसका समाधान निकाल लिया है।