
दिल्लीः बहुमंजिला इमारत में आग लगने से छह की मौत, 11 लोग घायल
क्या है खबर?
दक्षिण दिल्ली के जाकिर नगर में एक इमारत में आग लगने से छह लोगों की मौत हो गई और 11 लोग घायल हुए हैं।
घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बटला हाउस जोगा बाई गली के एक मकान में सोमवार देर रात आग लग गई।
सूचना मिलने पर दमकल की सात गाड़ियां मौके पर पहुंची। आग इतनी भयंकर थी कि गली में खड़ी कई गाड़ियां इसकी चपेट में आकर राख हो गई।
हादसा
शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी आग
जानकारी के मुताबिक, कई मंजिला इमारत में आग सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर बने कमरों में लगी। इसके बाद यह पूरी बिल्डिंग में फैल गई।
आग के डर से लोगों ने ऊपरी मंजिलों से ही छलांग दी। इस इलाके में गलियां काफी संकरी हैं, जिस वजह से दमकल कर्मियों को मौके पर पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी, जो धीरे-धीरे पूरी इमारत में फैल गई।
आरोप
पीड़ितों का आरोप- समय रहते नहीं पहुंची मदद
पीड़ितों ने प्रशासन ने आरोप लगाया कि बार-बार मदद की गुहार लगाने के बाद भी एंबुलेंस और दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर नहीं पहुंची।
उनके मुताबिक, रात को 1:30 मिनट पर आग लगी, लेकिन एंबुलेंस चार घंटे की देरी के बाद पहुंची।
पीड़ितों के मुताबिक, दमकल विभाग की गाड़ियों को आने में बहुत समय लगा, जिससे ज्यादा नुकसान हुआ है। अगर समय रहते मदद पहुंचती तो नुकसान को कम किया जा सकता था।
ट्विटर पोस्ट
घटनास्थल की तस्वीरें
Delhi: Death toll rises to 6 in the fire that broke out in a multi-storey building in Zakir Nagar late last night. https://t.co/iR9f9YxmEk
— ANI (@ANI) August 6, 2019
जानकारी
केजरीवाल ने घटना पर जताया दुख
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वो घटनास्थल पर जा रहे हैं और दिल्ली सरकार पीड़ित परिवारों को हर मदद देगी। आग के कारणों की जांच की जाएगी।
पुराना हादसा
फरवरी में होटल में आग लगने से हुई थी 17 मौतें
फरवरी मे दिल्ली के करोलबाग के अर्पित होटल में भीषण आग लगी थी। इसकी चपेट में आने से 17 लोगों की मौत हो गई थी।
आग पर काबू पाने के लिए 30 दमकल वाहनों को लगाना पड़ा था।
आग होटल के ऊपरी फ्लोर पर लगी थी। आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई और दो लोग जान बचाने के लिए खिड़की से कूद गए।
कॉरिडोर में लकड़ी के पैनल लगे थे, जिस वजह से लोग कॉरिडोर से बाहर नहीं आ सके।