एयर स्ट्राइक करने वाले वायुसेना पायलटों ने बताया, 90 सेकंड में खत्म हो गया था मिशन
पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी सगंठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर की गई एयर स्ट्राइक मात्र 90 सेकंड के अंदर खत्म हो गई थी। ये जानकारी खुद ऑपरेशन में भाग लेने वाले भारतीय वायुसेना के दो पायलटों ने दी है। उनके अनुसार, मिशन को इतनी गोपनीयता के साथ अंजाम दिया गया था कि एयर स्ट्राइक करने वाली टीम के करीबी परिजनों को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
पुलवामा हमले के जवाब में हुई थी एयर स्ट्राइक
जैश ने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। पुलवामा हमले का बदला लेते हुए भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट में जैश के आंतकी कैंप पर एयर स्ट्राइक की थी। पिछले 48 साल में भारत पहली बार पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में घुसा था। हालिया जानकारी के अनुसार, इस मिशन को "ऑपरेशन बंदर" नाम दिया गया था।
पायलटों के करीबी परिजनों को भी नहीं थी जानकारी
अब 'हिंदुस्तान टाइम्स' से बात करते हुए एयर स्ट्राइक मिशन का हिस्सा रहे मिराज 2000 लड़ाकू विमान के एक पायलट ने कहा, "ये 90 सेकंड में खत्म हो गया था। हमने हथियार छोड़े और वापस आ गए। किसी को भी, हमारे करीबी परिजनों को भी इसके बारे में पता नहीं था।" नाम न बताने की शर्त पर उसने आगे कहा, "अगले दिन मेरी पत्नी ने मुझसे पूछा कि क्या मैं हमले का हिस्सा था, मैं चुप रहा और सो गया।"
पायलट ने कहा, निशाने पर लगे हथियार
पायलट ने बताया कि वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारीयों ने अपनी दैनिक दिनचर्या नहीं बदली, ताकि किसी को हमले का संकेत न मिल जाए। उन्होंने बताया, "हमने जानबूझ कर लंबा रास्ता लिया और देश के पूर्वी हिस्से से होते हुए जब हम कश्मीर में पहुंते तो हम रेडियो साइलेंस में चले गए। पाकिस्तानी लड़ाकू विमान हमारे आसपास भी नहीं थे।" क्या हथियार अपना काम करने में सफल रहे, इस पर उन्होंने कहा, "बेशक, उन्होंने हिट किया। हमने सटीक निशाना लगाया।"
दो दिन पहले तक पायलटों को भी नहीं थी मिशन की जानकारी
एक अन्य स्क्वाड्रन लीडर ने भी अखबार को इस गुप्त मिशन के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "हमने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास कई कॉम्बैट एयर पैट्रोल (CAP) उड़ाए।" पायलट ने बताया कि क्या होने वाला है, इसके संकेत एयर स्ट्राइक से मात्र दो दिन पहले मिले। उन्होंने कहा, "हम जानते थे कि कुछ हो रहा है, लेकिन किसी को कुछ स्पष्ट नहीं था। उड़ानों की संख्या कई गुना बढ़ गई थी। कई पायलटों ने विभिन्न उड़ानें भरीं।"
25 फरवरी की शाम को लोड किए गए हथियार
पायलट ने आगे बताया, "जहां पहले CAP और उड़ानें बिना हथियारों के थी, 25 फरवरी को शाम 4 बजे SPICE-2000 मिसाइलों को मिराज 2000 विमानों पर लोड कर दिया गया। आतंकी ट्रैनिंग कैंप के ठिकाने की सटीक जानकारी हथियार सिस्टम में डाल दी गई।" उन्होंने बताया कि विमानों ने 26 फरवरी की सुबह 2 बजे उड़ान भरी। मिशन में मिराज 2000 के अलावा सुखोई 30 विमानों को इस्तेमाल भी किया गया था।
एयर स्ट्राइक के बाद बने थे युद्ध जैसे हालात
बता दें कि पुलवामा हमले और एयर स्ट्राइक के बाद भारत-पाकिस्तान में युद्ध जैसे हालात बन गए थे। एयर स्ट्राइक के अगले दिन 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय हवाई क्षेत्र में घुसने की कोशिश की थी। इस दौरान हुई हवाई लड़ाई में दोनों देशों के एक-एक विमान गिरे थे और भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया था। 3 दिन बाद उनकी भारत वापसी से दोनों देशों के बीच तनाव घटा।