
भारत ने UNSC को पहलगाम हमले की जानकारी दी, TRF को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 26 निर्दोष पर्यटकों को मारे जाने के 2 हफ्ते बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1276 प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम को इसकी जानकारी दी है।
भारत ने गुरुवार को समिति को पहलगाम हमले के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से संबंध द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की गतिविधियों के बारे में बताया।
भारत ने TRF को आतंकी संगठन घोषित करने करने की मांग की है।
बैठक
भारत ने पिछले साल 2 बार समिति से संपर्क किया
भारतीय अधिकारियों की एक टीम संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (UNOCT) और आतंकवाद निरोधक समिति कार्यकारी निदेशालय (CTED) के प्रतिनिधियों से भी मिलेगी।
भारतीय दल न्यूयॉर्क का दौरा कर TRF को वैश्विक आतंकवादी समूह घोषित करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए उसने 1267 समिति से TRF को सीमा पार से जोड़ने वाले सबूत के साथ संपर्क किया है।
पिछले साल मई और नवंबर में भी भारत ने समिति से संपर्क किया था।
समिति
क्या है ये समिति?
UNSC के प्रस्ताव 1267 के तहत प्रतिबंध समिति को प्रतिबंध सूचियों का प्रबंधन, अद्यतन करने, प्रतिबंध व्यवस्थाओं के कार्यान्वयन की निगरानी और समर्थन का कार्य सौंपा गया है।
समिति की निगरानी टीम नामित आतंकवादी व्यक्तियों और संस्थाओं की वित्तीय परिसंपत्तियों को फ्रीज करना, नामित व्यक्तियों द्वारा सदस्य राज्य के क्षेत्र में प्रवेश या पारगमन को रोकना और नामित व्यक्तियों या संस्थाओं को हथियारों की आपूर्ति को रोकने में 1267 प्रतिबंध समिति की सहायता करती है।
संगठन
लश्कर और जैश की जानकारी दे चुका है भारत
भारत ने पिछले साल दो बार प्रतिबंध समिति की निगरानी टीम के साथ बैठक में अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट में पाकिस्तान स्थित TRF की भूमिका बताई थी।
उससे पहले दिसंबर 2023 में भी भारतीय अधिकारियों ने TRF जैसे समूह के जरिए प्रतिबंधित लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के संचालन की जानकारी दी थी।
पिछले हफ्ते विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा था कि वह निगरानी टीम के साथ दोबारा बैठक कर मामले पर आगे की जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
जानकारी
पहलगाम हमले से जुड़ा है TRF
22 अप्रैल को पहलगाम की बैरसन घाटी में पाकिस्तान स्थित लश्कर से जुड़े TRF आतंकियों ने 26 पर्यटकों को मारा था और उसकी जिम्मेदारी ली थी। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि बाद में उसने सीमापार अपने आकाओं के कहने पर बयान वापस लिया था।