
पहलगाम हमले पर फिर आया प्रधानमंत्री का बयान, बोले- किसी को छोड़ेंगे नहीं, सख्त कदम उठाएंगे
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पहलगाम आतंकी हमले के गुनाहगारों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि वे आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है और आतंक का समर्थन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाएंगे।
प्रधानमंत्री ने ये बातें अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको से मुलाकात के दौरान कही।
बयान
प्रधानमंत्री ने अंगोला का आभार जताया
अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने कहा, "हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंगोला के समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति राष्ट्रपति लोरेंसू और अंगोला की संवेदनाओं के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने अंगोला के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की।
यात्रा
अंगोला के राष्ट्रपति की भारत यात्रा को प्रधानमंत्री ने बताया ऐतिहासिक
अंगोला के राष्ट्रपति भारत दौरे पर हैं।
उनसे मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का हार्दिक स्वागत करता हूं। यह एक ऐतिहासिक पल है। 38 वर्षों के बाद अंगोला के राष्ट्रपति की भारत यात्रा हो रही है। इस यात्रा से न केवल भारत-अंगोला संबंधों को नई दिशा मिल रही है, बल्कि भारत और अफ्रीका साझेदारी को भी बल मिल रहा है। इस वर्ष भारत और अंगोला अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।"
साझेदारी
रक्षा मामलों में अंगोला की सहायता करेगा भारत
प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी है कि अंगोला की सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए 20 करोड़ डॉलर की डिफेंस क्रेडिट लाइन को स्वीकृति दी गई है। रक्षा प्लेटफॉर्म की मरम्मत और बदलाव और सप्लाई पर भी बात हुई है। अंगोला की सशस्त्र सेनाओं के प्रशिक्षणमें सहयोग करने में हमें खुशी होगी। साथ ही डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, स्पेस तकनीक, क्षमता निर्माण के क्षेत्र में अंगोला के साथ अपनी क्षमताएं साझा करेंगे।"
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
अंगोला और भारतके बीच द्विपक्षीय सहयोग जून, 1979 में न्यूयॉर्क में स्थायी मिशन के स्तर पर स्थापित किया गया था।
1987 में अंगोला के पूर्व राष्ट्रपति जोस एडुआर्डो डॉस सैंटोस ने भारत का दौरा किया था। इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच यात्राओं का आदान-प्रदान होता रहा है।
भारत अंगोला का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अंगोला भारत को तेल का दूसरा सबसे बड़ा अफ्रीकी निर्यातक देश भी है।