हवाई ताकत बढ़ाने को 33 फाइटर जेट खरीदेगा भारत, रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी
लद्दाख में वास्तविक निरंत्रण रक्षा (LAC) पर चीन के साथ लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच भारत ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए गुरुवार को बड़ा निर्णय किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की हुई बैठक में 31 फाइटर जेट खरीदने, पुराने विमानो को अपगे्रड करने, मिसाइल सिस्टम और अन्य सुरक्षा उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी गई है। इन सब पर 38,900 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
ताकत बढ़ाने के लिए इनकी खरीद करेगा भारत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा मंत्रालय की ओर दी गई मंजूरी के तहत 33 नए फाइटर जेट खरीदे जाएंगे। इसमें 12 सुखोई-30 फाइटर जेट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और 21 मिग-29 फाइटर जेट रूस से खरीदें जाएंगे। इसी तरह पहले से मौजूद 59 मिग-29 को भी अपग्रेड किया जाएगा। इनमें मिग-29 और अपग्रेड कार्य पर 7,418 करोड़ और सुखोई-30 की खरीद पर 10,730 करोड़ सहित पूरे प्रोजेक्ट पर कुल 18,148 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
248 एस्ट्रा एयर मिसाइल की खरीद को भी मिली मंजूरी
रक्षा मंत्रालय ने 248 एस्ट्रा एयर मिसाइल की खरीद को भी मंजूरी दी है। यह भारतीय वायु सेना और नौसेना दोनों के काम आ सकेगी। इसके साथ ही DRDO द्वारा बनाई गई एक हजार किलोमीटर रेंज वाली क्रूज मिसाइल के डिजाइन को भी मंजूरी दी गई है। इन डिजाइन और विकास प्रस्तावों पर कुल 20,400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन मिसाइलों के आने के बाद भारत की हवा से हवा में मार करने की क्षमता बढ़ जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत विजन पर रहेगा पूरा फोकस
रिपोर्ट के अनुसार 38,900 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत भारत में रक्षा उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग पर काम किया जाएगा। भारतीय इंडस्ट्री के लिए 31,130 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। रक्षा उपकरण भारतीय रक्षा कंपनियां और कई MSME साथ मिलकर विकसित करेंगे। आवंटित राशि से पिनाक रॉकेट लॉन्चर का गोला-बारूद खरीदा जाएगा, लड़ाकू वाहनों की अप्रेडिंग आदि होगी।
27 जुलाई को भारत पहुंचेंगे छह राफेल लड़ाकू विमान
चीन से तनाव के बीच 27 जुलाई को छह राफेल विमानों की पहली खेप भारत पहुंच जाएगी। दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों और सेमी स्टील्थ तकनीक से लैस इन विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने से देश की सामरिक शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन ने की फोन पर बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में जीत की 75वीं वर्षगांठ पर रूस को बधाई दी। इसके साथ ही उन्हें 2036 तक के लिए राष्ट्रपति चुने जाने की बधाई भी दी। ऐसा संविधान में संसोधन के बाद हुआ है। रूस में पिछले दिनों इसके लिए वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे अब आए हैं। रूस ने कहा कि भारत से सामरिक सबंध और मजबूत होंगे।
भारत और चीन के बीच लगातार बढ़ रहा है तनाव
भारत और चीन के बीच सीमा पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। गत 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। हालांकि, इसमें चीन के सैनिक भी मारे गए थे, लेकिन चीन ने इसका खुलासा नहीं किया है। चीन लगातार सेना की मौजूदगी बढ़ रहा है। इसके चलते गत 29 जून को भारत ने लोगों के डाटा की सुरक्षा को देखते हुए 59 चाइनीज ऐप्स पर बैन लगा दिया था।