पूर्वी लद्दाख: गतिरोध सुलझाने के लिए भारत और चीन के बीच 13वें दौर की बातचीत आज
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी सैन्य गतिरोध को सुलझाने के लिए भारत और चीन आज कोर कमांडर स्तर की 13वें दौर की बातचीत करेंगे। इससे एक दिन पहले सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि चीनी सेना अपने क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रही है, जिसका मतलब है कि उनकी वहां से हटने की तैयारी नहीं है। पिछले हफ्ते पूर्वी लद्दाख के दौरे के दौरान भी जनरल नरवणे ने ऐसा ही बयान दिया था।
हॉट स्प्रिंग में आमने-सामने हैं सेनाएं
भारत और चीन की सेनाएं पैंगोग त्सो झील के उत्तर और दक्षिण किनारे और गोगरा पोस्ट से पीछे हट चुकी है, लेकिन हॉट स्प्रिंग में आमने-सामने है। चीनी सेना पिछले साल मई में अतिक्रमण के बाद से ही यहां डटी हुई है। चीन भारतीय सेना को देप्सांग के मैदानी इलाकों में पेट्रोलिंग से भी रोक रहा है। इसमें पेट्रोलिंग प्वाइंट दौलत बेग ओल्डी के पास स्थित हैं, जहां पहले भारतीय सेना पेट्रोलिंग करती थी।
लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व
आज की बैठक चुसुल-मोल्डो बॉर्डर पर चीन की तरफ होगी और इसमें लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वहीं चीन की तरफ से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ शामिल होंगे।
बैठक में इन मुद्दों पर होगी बातचीत
सैन्य अधिकारियों की माने तो 13वें दौर की बैठक में हॉट स्प्रिंग और कुछ अन्य क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसमें तनाव कम करने के प्रयासों पर चर्चा होगी। हालांकि, भारत यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह पूर्ण सैन्य वापसी के लिए तभी सहमत होगा, जब एक साथ और एक समान वापसी पर सहमति बनेगी। दोनों पक्षों ने सैन्य वार्ता की तैयारियों के तहत विवरण का आदान-प्रदान कर लिया है।
"नियंत्रण रेखा की तरह बन सकती है LAC"
शनिवार को एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि पिछले साल लाए गए सैनिकों और सैन्य उपकरणों के लिए दोनों देश LAC के आसपास बुनियादी ढांचे का विकास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में LAC पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) की तरह बन सकती है, लेकिन यह उतनी सक्रिय नहीं होगी। यह चिंता की बात है कि बड़े स्तर पर हुआ निर्माण कार्य अभी भी बना हुआ है।
नरवणे बोले- हमारी तैयारी भी चीन से कम नहीं
जनरल नरवणे ने कहा, "निर्माण कार्यों और तैयारियों को देखते हुए लग रहा है कि चीनी सेना वहां रुकेगी। अगर चीनी सेना रुकती है तो हम भी रुकेंगे। हमने भी चीन की तरह ही तैयारियां और निर्माण कार्य किया है।" सेना प्रमुख ने कहा कि भारत सभी कदमों पर कड़ी नजर रख रहा है। अगर चीनी सेना इन सर्दियों में भी तैनात रहती है तो नियंत्रण रेखा की तरह की स्थिति हो जाएगी, लेकिन यह उतनी सक्रिय नहीं होगी।
अरुणाचल सेक्टर में आमने-सामने आए थे दोनों देशों के सैनिक
पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच बीते सप्ताह अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LOC) पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए थे। रूटीन पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय सेना ने करीब 200 चीनी सैनिकों को LOC के पास पाया था। इस दौरान कई घंटों तक दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने रहे और मामला सुलझने पर पीछे हटे। इस झड़प में भारतीय पक्ष को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ था।
पिछले साल से जारी है तनाव
पिछले साल अप्रैल में चीन ने पूर्वी लद्दाख और अन्य इलाकों में हथियारों के साथ सैनिकों की तैनाती कर दी थी। उसके बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई और 15 जून को तनाव हिंसा में बदल गया था। इसी खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए तो कई चीनी सैनिकों की मौत हो गई थी। उसके बाद से शांति के लिए वार्ताओं का दौर जारी है।