चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में गांव बसाने की रिपोर्ट, विदेश मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया
क्या है खबर?
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच बने तनाव की आड़ में चीन ने भारत को बड़ा धोखा दिया है।
चीन द्वारा लद्दाख के बने तनाव का फायदा उठाते हुए अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा से करीब 4.5 किलोमीटर अंदर की तरह 101 घरों का नया गांव बसाने की रिपोर्ट है।
उपग्रह से ली फोटो में यह खुलासा हुआ है।
शुरुआत
गलवान घाटी हिंसा के बाद बसाया गांव
NDTV के अनुसार चीन ने यह गांव गलवान हिंसा के बाद बसाया है। गलवान घाटी हिंसा में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे, लेकिन चीन ने कभी अपने हताहतों की संख्या नहीं बताई।
यह गांव हिमालय की पूर्वी रेंज में ऊपरी सुबनशिरी जिले के त्सारी चू नदी के किनारे बसाया गया है।
इस इलाके पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद है और इसे सशस्त्र लड़ाई वाली जगह के तौर पर चिन्हित किया गया है।
तुलना
उपग्रह की पुरानी फोटो से मिलान करने पर सामने आई हकीकत
इस गांव की हकीकत 1 नवंबर, 2020 को ली गई उपग्रह की फोटो की 26 अगस्त, 2019 की फोटो से मिलान करने पर सामने आई है।
2019 की फोटो में वहां कोई निर्माण नहीं दिख रहा, लेकिन 2020 की फोटो में निर्माण दिख रहा है।
इससे साफ होता है कि चीन ने इस गांव को पिछले साल ही बसाया है। चौंकाने वाली बात यह है कि विदेश मंत्रालय ने भी इस खबर को पूरी तरह से खारिज नहीं किया।
चेतावनी
भाजपा सांसद तपिर गाओ ने भी लोकसभा में दी थी चेतावनी
बता दें कि नवंबर 2020 में उपग्रह की फोटो सामने आने के बाद अरुणाचल से भाजपा सांसद तपिर गाओ ने लोकसभा में चीनी घुसपैठ की चेतावनी दी थी। उन्होंने खासतौर पर ऊपरी सुबनशिरी जिले का जिक्र किया था।
उन्होंने सोमवार को NDTV को बताया कि चीन ने डबल लेन रोड सहित कई निर्माण किए हैं। निर्माण कार्य अभी भी जारी है। चीन सुबनशिरी जिले में नदी के किनारे वाले रास्ते पर 60-70 किलोमीटर अंदर घुस आया है।
जानकारी
भारत के आधिकारिक नक्शे के अनुसार भारतीय सीमा में है गांव
भारत सरकार द्वारा आधिकारिक नक्शे के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले 'सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया' में भी साफ नजर आ रहा है कि जिस इलाके में चीनी गांव बसाया गया है, वह हकीकत में भारतीय सीमा के अंदर आता है।
फोटो
प्लेनेट लैब से मिली फोटो में दिखे गांव
उपग्रह की ये फोटो भारत की प्लेनेट लैब से निकाली गई है। इस लैब में सैटेलाइल इमेजरी के विशेषज्ञ नियमित तौर पर ग्रह पर नजर रखते हैं।
उनकी इमेजरी में इस गांव के एकदम सटीक कोऑर्डिनेट्स दिखाए गए हैं, जो एक बड़े वर्गाकार ढांचे के उत्तर में स्थित है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की मिलिट्री पोस्ट है, जिसकी सबसे पहले तस्वीर गूगल अर्थ ने एक दशक पहले ली थी। चीन ने इसे भी अपग्रेड किया है।
बयान
गांव बसाना दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन- आर्पी
भारत-चीन के संबंधों के विशेषज्ञ क्लॉद आर्पी ने कहा कि यह गांव मैक्मोहन रेखा और भारतीय पक्ष की निर्धारित LAC के काफी दक्षिण में है।
उन्होंने कहा कि भले ही यह इलाका विवादित रहा है, लेकिन यहां पर एक नए गांव का निर्माण असामान्य रूप से काफी गंभीर मुद्दा है।
इससे सीमाओं पर जटिलताएं पैदा होंगी। इसी तरह गांव बसाना दोनों देशों के बीच किए गए कई समझौतों के अहम हिस्से का उल्लंघन लगता है।
बयान
चीन ने भारतीय सीमा में बसाया गांव- टैक
सशस्त्र संघर्षों के बड़े सैन्य विश्लेषक सिम टैक ने कहा, "इमेजरी साफ दिखाती है चीनी निर्माण भारत के दावे वाली सीमा के भीतर है। चीनी सेना ने इस घाटी में साल 2000 से ही फॉरवर्ड पोजीशन पर है। इससे उसे निगरानी में मदद मिलती है।"
प्रतिक्रिया
भारत ने भी बढ़ाया बुनियादी ढांचा- विदेश मंत्रालय
मामले में विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चीन द्वारा भारतीय सीमा में निर्माण गतिविधियां तेज करने की खबरें मिली हैं। भारत सरकार ने भी सड़क, पुल आदि के निर्माण सहित सीमावर्ती बुनियादी ढाँचे को आगे बढ़ाया है। इससे सीमा के साथ स्थानीय आबादी को बहुत आवश्यक कनेक्टिविटी मिली है।
मंत्रालय ने कहा कि हालिया रिपोर्टों में सामने आया है कि चीन ने पिछले कई वर्षों में बुनियादी ढांचा निर्माण गतिविधि बढ़ाई है।
नजर
चीन की हर हरकत पर है पैनी नजर- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार अरुणाचल प्रदेश सहित अपने नागरिकों की आजीविका के सुधार के लिए सीमा क्षेत्रों के साथ बुनियादी ढाँचा बनाने के उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार भारत की सुरक्षा से जुड़े हर डेवलपमेंट पर लगातार नजर रखती है और अपनी क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाती है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि सरकार अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है।