लखीमपुर खीरी हिंसा: पुलिस ने कई घंटे की पूछताछ के बाद आशीष को किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गत रविवार को प्रदर्शनकारी किसानों को कार से कुचलने के मामले में आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष उर्फ मोनू मिश्रा को पुलिस ने कई घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। वह पुलिस द्वारा पूछे गए अधिकतर सवालों का संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। ऐसे में पुलिस अब उन्हें जल्द ही मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर सकती है।
पूछताछ में सहयोग नहीं करने पर किया गिरफ्तार- अग्रवाल
मामले की जांच के लिए सरकार की ओर से गठित की गई विशेष जांच समिति के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) उपेंद्र अग्रवाल ने रात करीब 11 बजे क्राइम ब्रांच के कार्यालय के बाहर आकर आशीष की गिरफ्तारी की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "लंबी पूछताछ के बाद हमने पाया कि आशीष मिश्रा सहयोग नहीं कर रहे हैं और विवेचना में कई बातें बताना नहीं चाहते। इसलिए हम उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं, उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।"
आशीष ने घटना स्थल पर मौजूद नहीं होने को लेकर पेश किए कई सुबूत
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान आशीष कई वीडियो पेश कर खुद के घटना स्थल पर मौजूद नहीं होने का दावा किया। इसके अलावा उसने इसको लेकर 10 लोगों के बयान वाला हलफनामा भी पेश किया। इसके बाद पुलिस के सवालों का चक्रव्यूह बढ़ता गया। कई चरणों में चार-चार अधिकारियों ने उनसे से क्रॉस प्रश्न किये। इस दौरान आशीष कई सवालों के सही तरह से जवाब नहीं पाए और कुछ सवालों का जवाब नहीं दिया।
करीब 11 घंटे चली पूछताछ
आशीष अपने खिलाफ दूसरा समन जारी होने के बाद शनिवार को अपने वकीलों के साथ लखीमपुर खीरी पुलिस लाइन स्थित क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचे थे। यहां 11 घंटे पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। पहले आशीष को शुक्रवार को पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस भेजा था, लेकिन वह नहीं आए। इस पर पुलिस ने उन्हें दूसरा नोटिस देते हुए शनिवार सुबह 11 बजे तक पेश नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया है, जो अगले दो महीनों में अपनी रिपोर्ट देगा। इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि वह उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है।
हिंसा का भरसक विरोध कर रहा है विपक्ष
इस घटना का विपक्ष भरसक विरोध कर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सहित अन्य नेताओं ने सरकार पर हमला बोला है। इसके अलावा बुधवार को राहुल और प्रियंका गांधी सहित पांच नेताओं ने मृतकों के परिवारों से मुलाकात की और मामले में पूरा न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। घटना के विरोध में शनिवार को यूथ कांग्रेस ने दिल्ली में भी प्रदर्शन किया है।
किसान मोर्चा की मंत्री को बर्खास्त करने की मांग
मामले को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र से गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की है। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए किसान मोर्चा ने कहा कि अजय मिश्रा धारा 120B के तहत आरोपी हैं और उनकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए। साथ ही उनके बेटे आशीष मिश्रा पर धारा 302 लगी है और उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। मांगें न माने जाने पर किसानों ने 18 अक्टूबर को रेल रोकने की धमकी दी है।