गुरूत्वाकर्षण के नियमों को झुठलाती है लद्दाख की मैग्नेटिक हिल, जानिए इससे जुड़ी खास बातें
क्या है खबर?
अगर हम आपको कहें कि भारत में एक पहाड़ी ऐसी है, जहां चीजें नीचे की ओर लुढ़कने की बजाय ऊपर की ओर जाती हैं तो?
बेशक आपने कभी ऐसी कोई बात नहीं सुनी होगी, लेकिन यह सच है कि लद्दाख में एक ऐसी पहाड़ी है जो गुरुत्वाकर्षण के नियमों को झुठलाती है और इसलिए इसे मैग्नेटिक हिल के नाम से जाता है।
चलिए फिर आज लद्दाख का आर्कषण केंद्र इस मैग्नेटिक हिल से जुड़ी कुछ खास बातें जानते हैं।
#1
ग्रेविटी हिल या मिस्ट्री हिल के नाम से है मशहूर
कहा जाता है कि अगर किसी कार को इंजन के साथ इस हिल पर छोड़ दिया जाए तो वह नीचे की ओर नहीं बल्कि 20 कि.मी. प्रति घंटा की रफ्तार से पहाड़ी के ऊपर की ओर चलने लगती है।
यहीं नहीं, हवाई जहाज भी इस गुरुत्वाकर्षण शक्ति से खुद को बचा नहीं पाते। इसी वजह से लोग मैग्नेटिक हिल को मिस्ट्री हिल और ग्रेविटी हिल जैसे नामों से पुकारते हैं।
#2
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
वैज्ञानिकों के मुताबिक, मैग्नेटिक हिल के ऊपर चुंबकीय बल सिद्धांत काम करता है।
इस सिद्धांत के तहत यह माना जाता है कि पहाड़ी से कोई मजबूत चुंबकीय शक्ति निकलती है जो वाहनों को अपनी सीमा के भीतर खींच रही है।
बताया जाता है कि अतीत में इस पहाड़ी के कारण भारतीय वायु सेना के विमानों को अपने मार्ग तक बदलने पड़ गए थे ताकि उन पर इसकी चुंबकीय शक्ति का कोई प्रभाव न पड़े।
#3
मैग्नेटिक हिल के बारे में कुछ अफवाहें भी प्रचलित
मैग्नेटिक हिल से कुछ दूरी पर रहने वाले लोगों को आज भी विज्ञान की बातों पर विश्वास नहीं है और वे आज भी यही मानते हैं कि एक समय पर यहां एक सड़क मौजूद थी जो लोगों को स्वर्ग की ओर ले जाती थी।
ऐसे में जो लोग स्वर्ग जाने के काबिल थे, वो वहां पहुंच जाते थे और जो नहीं थे वे वहां तक पहुंच ही नहीं पाते थे।
हालांकि यह सिर्फ अफवाह के अलावा और कुछ नहीं है।
#4
कैसे पहुंचें मैग्नेटिक हिल
अगर आप हवाई जहाज से सफर कर रहे हैं तो लेह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 32 किमी की दूरी पर मैग्नेटिक हिल है।
वहीं ट्रेन से सफर तय करने वाले लोग जम्मू तवी रेलवे स्टेशन उतरें और फिर यहां से एक टैक्सी द्वारा शेष दूरी कवर करें।
सड़क से यात्रा करने वाले पहले लेह पहुंचे और फिर वहां की किसी लोकल बस या टैक्सी में बाकी का सफर तय करें।