लॉकडाउन: तेलंगाना में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुई पहली स्पेशन ट्रेन
कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए देश में लागू किए गए लॉकडाउन के बाद विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए राहत की खबर आ गई है। केंद्र सरकार की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशन ट्रेन चलाने की घोषणा के बाद पहली स्पेशन ट्रेन शुक्रवार को तेलंगाना से झारखंड के लिए रवाना कर दी गई है। यह ट्रेन तेलंगाना के लिंगामपल्ली से 1,200 प्रवासी मजदूरों को लेकर झारखंड के हटिया स्टेशन के लिए रवाना हुई।
बीच में किसी भी स्टेशन पर नहीं रुकेगी ट्रेन
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रेन में 1,200 प्रवासी मजदूर सवार हैं। यह नॉनस्टॉप ट्रेन है जो रास्ते में कहीं नहीं रुकेगी। इस ट्रेन में 24 बोगियां हैं और प्रत्येक बोगी में 54 मजदूर सवार हैं। मजदूरों के ट्रेनों में बैठाने के दौरान स्क्रीनिंग और सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी जरूरी एहतियात बरती गई थी। सभी मजदूरों को हैंड सैनिटाइजर, मास्क और ग्लव्ज दिए गए हैं। इसके अलावा उनके भोजन और पानी का भी प्रबंध किया है।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया ट्रेन का संचालन
रेल मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि यह ट्रेन पायलट प्रोजेक्टर के रूप में चलाई गई है। इसका मतलब यह नहीं है कि देश में ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि गंतव्य पर पहुंचने के बाद सभी मजदूरों को स्वास्थ्य जांच के लिए क्वारंटाइन करने की योजना बनाई गई है। यह चरण पूरा होने के बाद इसकी सफलता को देखते हुए अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
तेलंगाना में फंसे प्रवासी मजदूरों ने की थी हिंसा
रेल मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि ट्रेन में सवार प्रवासी मजदूरों का पहला जत्था संगारेड्डी क्षेत्र से हैं। तेलंगाना में फंसे मजदूरों ने गत दिनों अपने घर जाने की व्यवस्था करने को लेकर IIT हैदराबाद के बाहर हंगामा किया था। उस दौरान मजदूरों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थी। ऐसे में मजदूरों की मनोदशा को देखते हुए सबसे पहले वहां फंसे मजदूरों के लिए ट्रेन का संचालन किया है। इसके बाद अन्य राज्यों से ट्रेनें चलाई जाएंगी।
मजदूरों को नहीं किया गया था चार महीने का भुगतान
संगारेड्डी जिले के कंडी में IIT भवन निर्माण में लगे मजदूरों ने गत दिनों घर भेजने की मांग थी। उनके काम करने से मना करने पर निर्माण कपंनी ने उनका चार माह का भुगतान नहीं किया गया था। इसके बाद मजदूरों ने विरोध किया था।
राज्यों ने की थी स्पेशन ट्रेन चलाने की मांग
बता दें कि गत दिनों केंद्र सरकार ने राज्यों को प्रवासी मजदूरों को भेजने की व्यवस्था करने के लिए कहा था। इस पर राज्यों ने सरकार से मजदूरों के लिए स्पेशन ट्रेन चलाने की मांग की थी। राज्य सरकारों का कहना था कि बसों से मजदूरों को भेजना महंगा पड़ने के साथ लंबा समय लगेगा। इसके अलावा श्रमिकों के संक्रमित होने का भी खतरा रहेगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने स्पेशनल ट्रेन चलाने की मंजूरी दे दी थी।