आरोपियों पर नहीं लगाई गई हत्या की धारा तो कर लूंगी आत्महत्या- तबरेज अंसारी की पत्नी
तबरेज अंसारी की मॉब लिंचिंग मामले में आरोपियों से हत्या की धारा 302 हटाने का मुद्दा गर्माता जा रहा है। तबरेज की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा है कि अगर आरोपियों पर हत्या की धारा नहीं लगाई गई तो वह आत्महत्या कर लेंगी। बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में "कार्डियक अरेस्ट" से तबरेज की मौत होने की बात का हवाला देते हुए झारखंड पुलिस ने अपनी चार्जशीट में 11 आरोपियों से हत्या की धारा हटा दी है।
जिलाधिकारी और SP से मिलीं परवीन
मामले में तबरेज की 24 वर्षीय पत्नी परवीन सोमवार को रांची में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मिलीं। वह अपनी मां और ससुर के साथ यहां पहुंची थीं और जिलाधिकारी से मिलने से पहले उन्हें काफी समय इंतजार करना पड़ा। जिलाधिकारी के साथ बैठक में परवीन ने साफ कर दिया कि अगर आरोपियों पर वापस हत्या की धारा 302 नहीं लगाई जाती तो वह उनके कार्यालय के बाहर आत्महत्या कर लेंगी।
परवीन ने जिला प्रशासन पर लगाया आरोपियों को बचाने का आरोप
परवीन ने इस मौके पर कहा, "पूरी दुनिया ने मेरे पति की हत्या देखी। फिर भी जिला प्रशासन मेरे पति के हत्यारों को बचा रही है। अगर आरोपियों पर हत्या की धारा वापस नहीं लगाई जाती तो मैं जिलाधिकारी के कार्यालय के सामने आत्महत्या कर लूंगी।" तबरेज की मॉब लिंचिंग के समय उसकी और परवीन की शादी को मात्र दो महीने हुए थे। परवीन तब गर्भवती थीं, लेकिन दुख के कारण उनका गर्भपात हो गया।
चोरी के शक में भीड़ ने खंभे से बांधकर की थी तबरेज की पिटाई
18 जून को तबरेज को उसके घर से मात्र 5 किलोमीटर दूर झारखंड के सरायकेला खरसावां में भीड़ ने मोटरसाइकिल चुराने के शक में खंभे से बांधकर घंटों पीटा था। भीड़ ने उससे 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे भी लगवाए। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे चोरी के आरोप में जेल में बंद कर दिया था। इलाज न मिलने के कारण चार दिन बाद पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई थी।
चार्जशीट में पुलिस ने हटाई हत्या की धारा
शुरूआती FIR में 11 आरोपियों पर IPC की धारा 302 और धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज गया था। लेकिन पिछले महीने दायर अपनी चार्जशीट में पुलिस ने आरोपियों से हत्या की धारा हटा कर उन पर गैर-इरादतन हत्या की धारा 304 लगाई है। पुलिस का कहना है कि तबरेज की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई थी और ये पूर्व-नियोजित हत्या का मामला नहीं है।
SP बोले, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या के आरोपों की पुष्टि नहीं होती
तब सरायकेला खरसावां के SP कार्तिक एस ने कहा था, "हमने दो कारणों से धारा 304 के तहत चार्जशीट दायर की है।पहला ये कि तबरेज की मौत मौके पर नहीं और ग्रामीणों को उसे मारने का कोई इरादा नहीं था। दूसरा ये कि मेडिकल रिपोर्ट में हत्या के आरोपों की पुष्ट नहीं होती है।" "अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि तबरेज की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और सिर की चोट घातक नहीं थी।"
विवादों में रही है पोस्टमार्टम रिपोर्ट
पुलिस का कहना है कि इन चीजों के कारण कोर्ट में हत्या के आरोपों को साबित करना कठिन होता इसलिए गैर-इरादतन हत्या की धारा लगाई गई है। बता दें कि पुलिस जिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला दे रही है, वो खुद विवादों के केंद्र में रही है। शुरू में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने ब्रेन हैमरेज की वजह से मौत की बात कही थी। लेकिन अंतिम रिपोर्ट में कार्डियक अरेस्ट को तबरेज की मौत का कारण बताया गया।
धारा 302 और धारा 304 के तहत होने वाली सजा में है अंतर
हत्या के आरोप में दोषी पाए जाने पर जहां उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है, वहीं गैर-इरादतन हत्या का दोषी पाए जाने पर 10 साल की सजा से लेकर अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।