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भारत और युगांडा में नकली कोविशील्ड की हुई पहचान, WHO ने जारी किया अलर्ट
भारत और युगांडा में नकली कोविशील्ड की हुई पहचान, WHO ने जारी किया अलर्ट

भारत और युगांडा में नकली कोविशील्ड की हुई पहचान, WHO ने जारी किया अलर्ट

Aug 18, 2021
10:28 am

क्या है खबर?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नकली कोविशील्ड को लेकर अलर्ट जारी किया है। दरअसल, भारत और युगांडा में कई जगह फर्जी कोविशील्ड मिलने की खबरें आई थीं। इसके बाद संगठन ने ऐहतियात बरतने को कहा है। संगठन ने कहा कि जुलाई और अगस्त में उसके पास फर्जी कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर शिकायतें आई थीं। कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भी पुष्टि की है कि कई जगह फर्जी वैक्सीन पाई गई है।

जानकारी

भारत से बाहर भी भेजी जाती है SII में बनी वैक्सीन

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मिलकर कोविशील्ड को तैयार किया था। दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी SII भारत में इसका उत्पादन कर रही है। भारत के अलावा कई दूसरे देशों में भी SII में बनी कोविशील्ड इस्तेमाल हो रही है। फर्जी और घटिया गुणवत्ता वाले उत्पादों पर नजर रखने के लिए बने WHO के मॉनिटरिंग और सर्विलांस सिस्टम ने कहा कि भारत और युगांडा में फर्जी कोविशील्ड की पहचान हुई है। इसे लेकर मेडिकल अलर्ट जारी किया गया है।

जानकारी

WHO ने सरकार से निगरानी बढ़ाने को कहा

WHO ने भारत सरकार से अस्पतालों, क्लिनिक्स, स्वास्थ्य केंद्रों, खुदरा विक्रेताओं, वितरकों, फार्मेसी और मेडिकल उत्पाद आपूर्तिकर्ताओं पर निगरानी बढ़ाने की अपील की है। साथ ही वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला और फर्जी उत्पादों से प्रभावित इलाकों में विशेष नजर रखने को कहा है।

जानकारी

कैसे चला फर्जी कोविशील्ड का पता?

भारत में कोविशील्ड 2ml की मौजूदगी पाई गई थी, जबकि SII कोविशील्ड का 2ml में उत्पादन नहीं करती है। इसी तरह युगांडा में बैच नंबर 4121Z040 और अगस्त, 2021 में एक्सपायरी वाली कोविशील्ड मिली थी। SII से जब इसकी जानकारी जुटाई गई तो कंपनी ने कहा कि उसने इसका उत्पादन नहीं किया है। जिन वैक्सीन को फर्जी बताया गया है उनमें उनकी पहचान के साथ-साथ कंपोजिशन में भी छेड़छाड़ की गई थी।

बयान

WHO ने फर्जी वैक्सीन को बताया दुनिया के लिए बड़ा खतरा

WHO ने कहा कि फर्जी कोरोना वैक्सीन दुनिया के लिए बड़ा खतरा है और यह पहले से जोखिम का सामना कर रहे लोगों और स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव बढ़ाती है। ऐसे उत्पादों की पहचान कर उन्हें हटाना जरूरी है ताकि नुकसान से बचा जा सका। सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं आई है। वहीं द मिंट के अनुसार, भारत सरकार ने इसकी जांच करने की बात कही है।

जांच

भारत सरकार ने कही जांच की बात

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि देश के किसी भी नागरिक को फर्जी वैक्सीन न लग सके। एक वैक्सीन सर्टिफिकेट भी दिया जाता है, जिस पर वैक्सीन के बैच नंबर समेत दूसरी जानकारियां होती हैं। इसके अलावा वैक्सीन आपूर्ति पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। हमें देश के भीतर से इसकी शिकायत नहीं मिली है, लेकिन इस मामले की जांच की जा रही है।"

जानकारी

मेडिकल उत्पाद खरीदते समय विशेष सतर्कता की जरूरत

WHO ने कहा कि सभी मेडिकल उत्पाद अधिकृत विक्रेताओं से ही खरीदे जाने चाहिए। उत्पाद की प्रामाणिकता और दूसरी चीजों को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए। शंका होने पर मेडिकल प्रोफेशनल से सलाह लेनी चाहिए।