पॉलिटिकल हफ्ता: भाजपा के लिए क्यों बेहद महत्वपूर्ण है उत्तर प्रदेश?
ये शायद ही किसी को बताने की जरूरत हो कि देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश राजनीतिक तौर पर भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि इसे जीतने के लिए हर पार्टी पूरा दमखम लगाती है। अभी राज्य और केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा ने भी मार्च-अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए पूरा दमखदम झोंक दिया है। भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश जीतना इतना महत्वपूर्ण क्यों है, आइए जानते हैं।
उत्तर प्रदेश से होकर जाता है दिल्ली का रास्ता
देश की राजनीति में एक कहावत अक्सर कही जाती है- 'दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है।' इसका मतलब जो उत्तर प्रदेश को जीतने में कामयाब रहता है, उसका केंद्र की सत्ता पर काबिज होने का रास्ता लगभग साफ हो जाता है। भाजपा पर भी ये कहावत सटीक साबित होती है और 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत के बाद ही वह दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई।
भाजपा ने उत्तर प्रदेश को बनाया सेमीफाइनल, हारी तो होगी मनोवैज्ञानिक पराजय
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल बता रही है और उसने '22 में योगी, 24 में मोदी' का नारा दिया है। खुद अमित शाह कह चुके हैं कि अगर 2024 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाना है तो इसके लिए योगी आदित्यनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाना होगा। उत्तर प्रदेश को इतना महत्व देने के बाद अगर पार्टी यहां हारती है तो ये उसकी एक बड़ी मनोवैज्ञानिक पराजय होगी।
राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश की हो सकती है अहम भूमिका
इसी साल राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं और इसमें उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजे अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। अगर भाजपा को अपने उम्मीदवार को आसानी से जिताना है तो उसे उत्तर प्रदेश में पहले से भी अधिक सीटें लानी होंगी। लेकिन अगर विपक्षी पार्टियां उत्तर प्रदेश जीतने में कामयाब रहती हैं और वे राष्ट्रपति चुनाव में एकजुट होती हैं तो भाजपा के लिए अपने उम्मीदवार को जिताना बेहद मुश्किल हो सकता है। भाजपा ऐसा कतई नहीं चाहेगी।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश कैसे महत्वपूर्ण है?
उत्तर प्रदेश विधानसभा में देश में सबसे अधिक विधायक (403) हैं और राष्ट्रपति चुनाव में राज्य के एक विधायक की वोट वैल्यू भी अन्य राज्यों से अधिक होती है। राज्य के विधायकों की कुल वोट वैल्यू 83,824 है। इसके अलावा राज्य से इस साल 11 नए राज्यसभा सांसद भी चुने जाने हैं और उनके वोट की वैल्यू भी अन्य राज्यों के सांसदों से अधिक है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि कैसे यहां हार भाजपा का समीकरण बिगाड़ सकती है।
भाजपा की भविष्य की राजनीति के लिए भी उत्तर प्रदेश अहम
भविष्य की राजनीति के लिए भी भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश जीतना जरूरी है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भाजपा का भविष्य माना जा रहा है और वे पार्टी को समर्पित वोटबैंक में मोदी के बाद सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। ऐसे में अगर योगी अपना राज्य ही नहीं बचा पाते तो ये भाजपा की भविष्य की राजनीति को एक बड़ा झटका साबित हो सकता है और उसे अपने विकल्पों के बारे में फिर से सोचना पड़ेगा।
विचारधारा के नजरिए से भी भाजपा के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण
जिस तरह पहले गुजरात को "संघ परिवार की लैब" कहा जाता था, वैसे ही अब उत्तर प्रदेश को ये खिताब दिया जाए तो गलत नहीं होगा। योगी राज के पिछले चार साल में यहां जिस तरह के "प्रयोग" हुए, उनका सफल होना संघ परिवार की वैचारिक राजनीति के लिए बेहद अहम है। अगर भाजपा यहां हारती है तो इसे उसकी लव जिहाद, एंटी-रोमियो स्वायड और सांप्रदायिक राजनीति की हार माना जा सकता है और संघ परिवार ये बिल्कुल नहीं चाहेगा।