कोरोना से मरने वाले डॉक्टरों को मुआवजे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगा IMA
क्या है खबर?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र के उस फैसले की आलोचना की है, जिसमें सरकार ने केवल उन्हीं निजी डॉक्टरों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, जो कोरोना समर्पित अस्पतालों में कार्यरत थे और महामारी के कारण जिनकी मौत हो गई।
IMA ने इसे भेदभावपूर्ण बताते हुए कहा कि उसने सरकार को 1,700 डॉक्टरों की सूची सौंपी थी, जिसमें से अभी तक केवल 180 के परिवारों को मुआवजा मिला है।
जानकारी
IMA ने कही सुप्रीम कोर्ट जाने की बात
IMA के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल और राष्ट्रीय सचिव जयेश एम लेले ने कहा कि वो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में लेकर जाएंगे।
डॉ लेले ने कहा कि दिसंबर, 2020 तक 780 डॉक्टरों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी थी, लेकिन सरकार के पास उनकी लिस्ट नहीं थी। फरवरी में इस बारे में संसद में सवाल पूछा गया था, लेकिन सरकार ने कह दिया कि उसे इसकी जानकारी नहीं है। बाद में IMA से लिस्ट मांगी गई।
बयान
"दूसरी लहर में हुई 700 डॉक्टरों की मौत"
डॉ लेले ने आगे कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में 700 और डॉक्टरों की मौत हुई थी।
वहीं डॉ जयलाल ने कहा कि निजी अस्पताल सरकार के निर्देशों पर कोरोना समर्पित अस्पताल बने थे। यहां जान गंवाने वाले डॉक्टरों को सरकार को कम से कम कोरोना से हुए शहीद मानना चाहिए। परिवार को सहायता देना एक बात है, लेकिन सरकार को यह तो मानना चाहिए कि उनकी मौत कोरोना से हुई थी।
जानकारी
केंद्र ने पिछले साल किया था मुआवजे का ऐलान
केंद्र सरकार ने पिछले साल मार्च में कोरोना के कारण जान गंवाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को परिवारों को 50 लाख रुपये देने का ऐलान किया था। इसका उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों को सुरक्षा मुहैया कराना था।
यह बीमा सुविधा केंद्र और राज्य सरकारों के तहत आने वाले अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों, नर्सों, चिकित्सा सहायकों, सफाई कर्मियों तथा कुछ अन्य लोगों के लिए शुरू की गई थी। निजी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों को भी इसमें शामिल किया गया था।
मांग
केजरीवाल ने डॉक्टरों के लिए मांगा था भारत रत्न
जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख इस बार डॉक्टरों को भारत रत्न देने की मांग की थी। उन्होंने इसमें नर्स और पैरामेडिक्स को शामिल करने का सुझाव भी दिया था।
केजरीवाल ने जुलाई में भेजे पत्र में लिखा था कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी जान गंवाई और उनका शुक्रिया अदा करने का इससे बेहतर कोई तरीका नहीं हो सकता।
कोरोना वायरस
देश में संक्रमण और वैक्सीनेशन की क्या स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना के 16,326 नए मामले सामने आए और 666 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,41,59,562 हो गई है। इनमें से 1,73,728 सक्रिय मामले हैं और 4,53,708 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं 3,35,32,126 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।
वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,01,30,28,411 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 68,48,417 खुराकें लगाई गई थीं।