सुप्रीम कोर्ट का अपराध मुक्त राजनीति की ओर बड़ा कदम, नौ राजनीतिक दलों पर लगाया जुर्माना
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति और चुनावों को अपराध मुक्त बनाने की दिशा में मंगलवार को सख्त कदम उठाया है।
राजनीति को अपराध मुक्त करने को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा और कांग्रेस सहित नौ राजनीतिक दलों को अपने चुनावी उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करने में देरी पर अवमानना का दोषी ठहराते हुए उन पर जुर्माना लगाया है।
कोर्ट ने सभी दलों को भविष्य में आदेशों की पालना की हिदायत भी दी है।
याचिका
पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दायर की गई थी याचिका
दरअसल, गत दिनों एक सामााजिक कार्यकर्ता ने याचिका दायर करते हुए चुनाव में अपने प्रत्याशियों की आपराधिक पृष्ठभूमि सार्वजनिक नहीं करने वाली पार्टियों का चुनाव चिन्ह छीनने की मांग की थी।
इसके कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में राजनीतिक दलों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड चयन के 48 घंटे या नामांकन दाखिल करने से दो सप्ताह पहले प्रकाशित करने के आदेश दिए थे, लेकिन राजनीतिक दलों ने इसका पालन नहीं किया।
पुराना आदेश
पार्टियों को बताना था- क्यों चुने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी
फरवरी, 2020 के अपने इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक पार्टियों को ये बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को क्यों चुना और ऐसे उम्मीदवारों की जानकारियां अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करनी होंगी।
वहीं चुनाव आयोग ने पार्टियों को ऐसे उम्मीदवारों की जानकारियां अखबारों में प्रकाशित करने को कहा था।
हालांकि पार्टियों ने इन आदेशों का पालन नहीं किया जिसके बाद याचिका डाल कर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने को कहा गया।
जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने NCP और CPM पर लगाया सबसे अधिक जुर्माना
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा और कांग्रेस सहित नौ राजनीतिक दलों को अवमानना का दोषी करार देते हुए उन पर जुर्माना लगाया है।
इसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इसी तरह कांग्रेस, भाजपा, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल यूनाइटेड (JDU), लोक जनशक्ति पार्टी (LJP), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी इंडिया (CPI) पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को दी चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी दलों को चार सप्ताह में चुनाव आयोग को जुर्माना जमा कराने तथा भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने और इसे गंभीरता से लेने को भी कहा है। वहीं, कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी को चेतावनी देकर छोड़ दिया।
आदेश
चयन के 48 घंटे के अंदर सार्वजनिक करना होगा उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड- सुप्रीम कोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को चयन के 48 घंटे में उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करने, इस रिकॉर्ड को पार्टी की वेबसाइट पर भी 'आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार' शीर्षक से प्रकाशित करने और चुनाव आयोग द्वारा उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के लिए मोबाइल एप्लिकेशन बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
इसी तरह चुनाव आयोग को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के बारे में जागरूकता अभियान चलाने को भी कहा है।
सूचना
आदेशों की अवहेलना पर सुप्रीम कोर्ट को सूचना देगा चुनाव आयोग
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि कोई राजनीतिक दल चुनाव आयोग के पास इस तरह की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो आयोग को इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देनी होगी।
इसी तरह अब राजनीतिक दलों द्वारा अपने उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड अधिक प्रसार वाले समाचार पत्र और चैनलों में भी प्रकाशित कराना होगा। कम प्रसार वाले अखबारों और चैनलों में प्रकाशित कराने पर इसे आदेश की अवहेलना माना जाएगा।
अन्य मामला
हाई कोर्ट्स के आदेश के बिना सांसदों और विधायकों के केस रद्द नहीं कर सकेंगी सरकारें
वहीं एक अन्य मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि हाई कोर्ट की इजाजत के बिना सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले वापस नहीं लिए जाएंगे।
अभी तक राज्य सरकारें खुद से अपने विधायकों या सांसदों के खिलाफ दर्ज मामले रद्द करा देती थीं, लेकिन अब इसके लिए उन्हें संबंधित हाई कोर्ट की इजाजत लेनी होगी।
सांसदों-विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों के निपटारे की निगरानी के लिए एक स्पेशल बेंच भी गठित की जाएगी।