पेगासस मामले की जांच के लिए बनाई जाएगी समिति, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया
केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी। कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए सरकार ने कहा है कि पेगासस मामले में लगाए गए आरोप अनुमानों और निराधार मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं, लेकिन फिर भी किसी भी तरह के गलत नैरेटिव को खारिज करने के लिए वह मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी।
सरकार ने खारिज किए विपक्षी नेताओं और पत्रकारों की जासूसी के आरोप
इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव द्वारा दाखिल किए गए दो पेज के हलफनामे में केंद्र सरकार ने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों की जासूसी करने के आरोपों को खारिज किया है। इसमें लिखा है कि सरकार इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है और ये आरोप अनुमानों, निराधार मीडिया रिपोर्ट्स और अधूरी सामग्री पर आधारित हैं। सरकार के अनुसार, याचिकाकर्ताओं ने भी सबूत पेश नहीं किए हैं।
मामले के सभी पक्षों की जांच के लिए बनाई जाएगी समिति- सरकार
सरकार ने कहा है कि इसके बावजूद कुछ निहित स्वार्थों द्वारा फैलाए जा रहे गलत नैरेटिव को खारिज करने और मामले की समीक्षा करने के लिए सरकार विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी जो मामले के सभी पक्षों की जांच करेगी।
इन लोगों ने दायर की है सुप्रीम कोर्ट में याचिका
बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार, माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) सांसद जॉन ब्रिटस और वकील एमएल शर्मा आदि ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मामले में लगे आरोपों की जांच कराने की मांग की है। इसके अलावा पत्रकारों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी दो दिन पहले मामले में याचिका दायर की है। इन याचिकाओं में किसी मौजूदा या पूर्व जज की अध्यक्षता में SIT जांच की मांग की गई है।
विपक्ष ने की है न्यायिक और निष्पक्ष जांच की मांग
इसके अलावा विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भी पेगासस मामले में न्यायिक और निष्पक्ष जांच की मांग करती आ रही हैं। राहुल गांधी ने तो मामले में गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा भी मांगा है। अपनी इन मांगों को लेकर विपक्ष ने संसद के मानसून सत्र में जमकर हंगामा किया था और इसके चलते पूरे सत्र में कुछ खास नहीं हो पाया था। हालांकि इस दौरान कुछ सांसदों ने मार्यादा तोड़ते हुए मेज पर चढ़कर नारेबाजी की थी।
क्या है पेगासस जासूसी कांड?
पिछले महीने सामने आई रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई देशों के पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और चर्चित हस्तियों की फोन के जरिये जासूसी की गई या इसकी कोशिश की गई। इन लोगों में राहुल गांधी और प्रशांत किशोर समेत विपक्ष के कई नेता, मोदी सरकार के दो मंत्री, कई संवैधानिक अधिकारी और पत्रकार, अनिल अंबानी और CBI के पूर्व प्रमुख आलोक वर्मा समेत कई नाम शामिल थे।