पाकिस्तान: सिंध में हिंदू प्रधानाचार्य पर ईशनिंदा के आरोपों के बाद भड़के दंगे, मंदिरों में तोड़फोड़
हिंदू समुदाय के एक प्रधानाचार्य पर ईशनिंदा का मामला दर्ज होने के बाद रविवार को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दंगे भड़क गए। भड़की भीड़ ने हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों, स्कूलों और मंदिरों में जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस का कहना है कि दंगों पर काबू पा लिया गया है और आरोपी प्रधानाचार्य को हिरासत में लेकर सुरक्षा की दृष्टि से एक अज्ञात जगह पर भेज दिया गया है। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने घटना पर चिंता व्यक्त की है।
छात्र ने माता-पिता से की प्रधानाचार्य की ईशनिंदा की शिकायत
घटना सिंध प्रांत के घोटकी इलाके की है। सिंध पब्लिक स्कूल के एक 13 वर्षीय छात्र ने अपने प्रधानाचार्य नोतन मल के ईशनिंदा करने की शिकायत अपने माता-पिता से की थी। इसके बाद रविवार को छात्र के पिता अब्दुल अजीज राजपूत ने दास के खिलाफ FIR दर्ज कराई। राजपूत का आरोप है कि नोतन ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक बात कहकर ईशनिंदा की है। मामला दर्ज होने के बाद इलाके में दंगे भड़क गए।
भीड़ ने की प्रधानाचार्य की गिरफ्तारी की मांग
दंगाइयों ने कई हिंदू मंदिरों को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ की। इसके अलावा उन्होंने हिंदू समुदाय के लोगों को भी निशाना बनाया और उनके घरों, दुकानों और स्कूलों पर हमला किया। हिंसक भीड़ ने नोतन की गिरफ्तारी की मांग की। अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक जमील अहमद ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी, "नोतन मल अब पुलिस की सुरक्षित हिरासत में हैं। भगवान की कृपा से घोटकी में स्थिति 12 घंटे के अंदर सामान्य हो गई है।"
पाकिस्तान हिंदू परिषद के अध्यक्ष ने की दंगाइयों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग
सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद और पाकिस्तान हिंदू परिषद के अध्यक्ष रमेश कुमार वांकवानी ने हिंदू समुदाय के तीन मंदिरों, एक निजी स्कूल और कई घरों पर हमले की बात कही है। उन्होंने दंगाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने की बात भी कही।
वांकवानी का दावा, लाउडस्पीकर से घोषणा करके भीड़ को उकसाया गया
TOI के साथ बातचीत में वांकवानी ने बताया, "छात्र की बात सुनने के बाद उसके पिता कट्टरपंथी मुस्लिम नेता पीर अब्दुल हक के पास गए जो सिंध में हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण कराने में शामिल रहा है। उसने मस्जिदों से छात्र के आरोप को बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित कर दिया।" उन्होंने बताया कि घटना के बारे में लाउडस्पीकर से प्रचार किए जाने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग भड़ गए और उन्होंने हिंसक प्रदर्शन शुरू कर दिए।
पत्रकारों और एक्टिविट्स ने की हिंदुओं की रक्षा करने की मांग
मुस्लिम भीड़ के हिंदू मंदिरों और घरों पर हमले के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं। एक ऐसा ही वीडिया ट्वीट करते हुए पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने घटना पर चिंता जताई। अपने ट्वीट में आयोग ने लिखा, "घोटकी से ईशनिंदा का आरोप और भीड़ की हिंसा के भड़कने की चिंताजनक रिपोर्ट्स आ रही हैं।" कई पत्रकारों और एक्टिविट्स ने भी ट्वीट करते हुए सिंध सरकार से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की रक्षा करने की अपील की है।
पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने जताई घटना पर चिंता
पाकिस्तान में मात्र दो प्रतिशत हिंदू
बता दें कि मुस्लिम बहुल पाकिस्तान की 22 करोड़ आबादी में केवल दो प्रतिशत हिंदू हैं। इनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत में रहते हैं, जहां ये घटना हुई। प्रांत से अक्सर हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण और हिंदू समुदाय पर हमले की खबरें आती रहती हैं।