2022 में चीन की मदद से अंतरिक्ष में यात्री भेजेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान अपने दोस्त चीन की मदद से 2022 में अंतरिक्ष में अपना पहला यात्री भेजेगा। अंतरिक्ष यात्री के चयन की प्रक्रिया 2020 में शुरू होगी और इसमें पाकिस्तानी वायुसेना का अहम रोल होगा। पाकिस्तान के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने रविवार को ये जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत और पाकिस्तान का साथ आना इलाके के लिए लाभदायक हो सकता है।
2020 में शुरू होगी यात्री के चयन की प्रक्रिया
रविवार को एक इंटरव्यू में फवाद ने अंतरिक्ष में मानव भेजने के पाकिस्तान के मिशन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 2022 में अंतरिक्ष में अपना पहला यात्री भेजने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए चीन की मदद ले रहा है। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों की चयन प्रक्रिया 2020 में शुरू होगी और शुरूआत में 50 लोगों को चुना जाएगा। 2022 में इस सूची को घटाकर 25 कर दिया जाएगा।
चयन प्रक्रिया में पाकिस्तानी वायुसेना का होगा अहम रोल
फवाद ने कहा कि इन 25 में से बस एक व्यक्ति को ही अंतरिक्ष में जाने के लिए चुना जाएगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की वायुसेना इस चयन प्रक्रिया में बेहद अहम रोल अदा करेगी।
भारत पर साधा निशाना, कहा- मिशन शक्ति के कचरे से पैदा हो रहा खतरा
भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानों के लिए चर्चित फवाद इस मौके पर भी भारत पर निशाना साधने से नहीं चूके। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत के पहले अंतरिक्ष मिशन 'शक्ति' का कचरा अन्य देशों के अंतरिक्ष मिशनों के लिए खतरा पैदा कर रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिलकर काम करते हैं तो ये इलाके के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
क्या था मिशन शक्ति?
मार्च में भारत ने अपनी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (A-SAT) का सफल परीक्षण करते हुए पृथ्वी के निचली कक्षा में घूम रहे अपने एक सैटेलाइट को मार गिराया था। इस परीक्षण को 'मिशन शक्ति' का नाम दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इस परीक्षण के सफल होने की घोषणा की थी। 'मिशन शक्ति' के साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में सैटेलाइट मार गिराने की क्षमता रखने वाला चौथा देश बन गया था।
2021 में भारत अंतरिक्ष में भेजेगा तीन यात्री
बता दें कि भारत भी अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी कर रहा है और अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'गगनयान' के तहत तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजेगा। ISRO ने वायुसेना को मिशन पर जाने वाले 10 क्रू मेंबर को ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दी है, जिनमें से अंतरिक्ष में जाने वाले तीन लोग चुने जाएंगे। भारत अभियान में रूस की मदद लेगा और चुने गए सदस्यों को भारत और रूस में ट्रेनिंग दी जाएगी।