
#NewsBytesExplainer: अमेरिका किसी संगठन को कैसे आतंकवादी घोषित करता है, TRF पर क्या-क्या प्रतिबंध लगेंगे?
क्या है खबर?
कूटनीतिक मोर्चे पर भारत को बड़ी सफलता मिली है। अमेरिका ने पाकिस्तान समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को विदेशी आतंकवादी संगठन (FRO) घोषित कर दिया है। इसी संगठन ने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने पहले ही TRF को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। अमेरिका की कार्रवाई के बाद संगठन पर कई प्रतिबंध लगेंगे। आइए जानते हैं किसी संगठन को आतंकवादी कैसे घोषित किया जाता है।
अमेरिका
TRF के बारे में अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बताया कि अमेरिका ने TRF को FTO और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (SDGT) की सूची में डाला है। उन्होंने कहा, "TRF ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। विदेश विभाग द्वारा की गई ये कार्रवाई हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के न्याय के आह्वान को लागू करने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"
तरीका
किसी संगठन को आतंकवादी कैसे घोषित किया जाता है?
अमेरिका आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 219 के तहत किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करता है। इसके लिए आतंकवाद निरोधक ब्यूरो दुनियाभर में सक्रिय आतंकवादी समूहों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखता है। इसके बाद संभावित लक्ष्यों की पहचान की जाती है। लक्ष्यों की पहचान करते समय उस समूह द्वारा किए गए हमलों के अलावा भविष्य की संभावित आतंकवादी कृत्यों की योजना और उसकी क्षमता और इरादे की भी समीक्षा की जाती है।
प्रतिबंध
आतंकवादी घोषित होने से संगठन पर क्या प्रतिबंध लगते हैं?
अमेरिकी कानून के तहत, FTO घोषित करने के गंभीर कानूनी और वित्तीय परिणाम होते हैं। ऐसे संगठन की अमेरिकी क्षेत्राधिकार में अंतर्गत आने वाली सभी संपत्तियों को जब्त कर लिया जाता है और संगठन की गतिविधियों में शामिल अमेरिकी व्यक्तियों या संस्थाओं पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। संगठन से जुड़े सदस्यों और समर्थकों के अमेरिका आने पर रोक लगेगी। इसके अलावा आंतकी संगठन हथियारों का निर्यात नहीं कर सकेगा।
असर
फैसले का TRF पर क्या असर होगा?
TRF पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगेंगे। संगठन से अमेरिकी नागरिक और संस्थान किसी भी तरह का लेन-देन नहीं कर पाएंगे। TRF की दुनियाभर के बैंकों और वित्तीय संस्थानों तक पहुंच सीमित हो जाएगी। इससे संगठन के लिए पैसा जुटाना, लेन-देन करना या आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग करना मुश्किल हो जाएगा। ये दूसरे देशों के लिए भी चेतावनी की तरह काम करेगा। अन्य देश भी TRF पर कार्रवाई करने के लिए प्रेरित होंगे।
कूटनीति
क्यों ये भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत है?
अगस्त में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की बैठक होनी है। उससे पहले ये कदम भारत की स्थिति को मजबूत करेगा। अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में दोबारा शामिल करने की भारत की मांग को बल मिलेगा। अमेरिका ने TRF को आधिकारिक तौर पर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जोड़ा है। इससे भारत का लंबे समय से चले आ रहा दावा पुष्ट होगा कि प्रतिबंधित पाकिस्तानी संगठन नए संगठन बनाकर काम कर रहे हैं।
TRF
अब TRF के बारे में जानिए
TRF लश्कर का ही छद्म संगठन है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान की मदद से लश्कर ने इसे बनाया था। पाकिस्तान में बैठा शेख सज्जाद गुल TRF का प्रमुख है। स्थापना के वक्त बासित अहमद डार संगठन का मुख्य ऑपरेशनल कमांडर था। जनवरी, 2023 में भारत ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया था। ये संगठन हाल में कश्मीर में काम करने वाले कई प्रवासी मजदूरों को निशाना बना चुका है।