
#NewsBytesExplainer: क्या है 'द रेजिस्टेंस फ्रंट', जिसने पहलगाम आतंकी हमले की ली जिम्मेदारी?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल हुए हैं।
यह हमला 'मिनी स्विटजरलैंड' के नाम से मशहूर बैसारन घाटी के मैदानों में हुआ। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)' ने ली है। इस संबंध में TRF का एक अपुष्ट बयान भी सामने आया है।
आइए इस संगठन के बारे में जानते हैं।
बयान
हमले को लेकर TRF ने क्या कहा?
TRF ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, "गैर-स्थानीय लोगों को 85,000 से अधिक निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं, जिससे भारत के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। ये गैर-स्थानीय लोग पर्यटकों के रूप में आते हैं, निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करते हैं और फिर ऐसा व्यवहार करना शुरू कर देते हैं जैसे कि वे जमीन के मालिक हैं।"
हालांकि, इस बयान की पुष्टि नहीं हुई है।
TRF
क्या है TRF?
TRF को लश्कर का ही छद्म संगठन माना जाता है। 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान की मदद से लश्कर ने ही इसे लॉन्च किया था। ये संगठन जम्मू-कश्मीर में तेजी से अपना नेटवर्क बढ़ा रहा है।
TRF का गठन जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद को एक स्थानीय चेहरा प्रदान करने के लिए किया गया था।
पाकिस्तान में बैठा शेख सज्जाद गुल TRF का प्रमुख है।
स्थापना
कैसे हुई थी TRF की स्थापना?
अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद TRF की शुरुआत एक ऑनलाइन इकाई के रूप में हुई थी।
इसके करीब 6 महीने बाद TRF ने लश्कर, तहरीक-ए-मिल्लत इस्लामिया और गजनवी हिंद जैसे संगठनों के एक समूह के रूप में जमीन पर काम करना शुरू किया।
इंडियन एक्सप्रेस से एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की कार्रवाई से बचने के लिए इसे एक धार्मिक संगठन की बजाय जन आंदोलन की तरह बनाया गया।
लीडरशिप
TRF का नेतृत्व कौन करता है?
TRF की स्थापना की जिम्मेदारी शेख सज्जाद गुल ने ली थी, जो इसका सुप्रीम कमांडर भी था। अभी भी सज्जाद गुल पाकिस्तान में बैठकर इसका कामकाज संभालता है। स्थापना के वक्त बासित अहमद डार संगठन का मुख्य ऑपरेशनल कमांडर था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, TRF का गठन शुरू में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर के कैडरों के साथ किया गया था। इसी वजह से इसी लश्कर का छद्म संगठन भी कहा जाता है।
सरकार
2023 में गृह मंत्रालय ने लगाया था प्रतिबंध
जनवरी, 2023 में गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत TRF को आतंकी संगठन घोषित किया था।
TRF कमांडर शेख सज्जाद गुल को भी UAPA अधिनियम के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था।
तब गृह मंत्रालय ने कहा था, "TRF जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों और निर्दोष नागरिकों की हत्या, आतंकियों की भर्ती, अवैध घुसपैठ और सीमा पार से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की योजनाओं में शामिल रहा है और प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सहायता करता है।"
हमले
किन-किन हमलों को अंजाम दे चुका है TRF?
TRF ने अक्टूबर, 2024 में गंदेरबल में एक निर्माण स्थल पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें एक डॉक्टर और 6 मजदूरों की मौत हो गई थी।
1 अप्रैल, 2020 को कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास 4 दिन तक गोलीबारी में भी TRF का नाम सामने आया था। इस हमले में 5 सैनिक शहीद हुए थे।
26 फरवरी, 2023 को TRF ने कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की भरे बाजार में गोली मारकर हत्या कर दी थी।