
पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम पर FATF का नया खुलासा, भारत कर सकता है ये मांग
क्या है खबर?
पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम को लेकर वैश्विक आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) ने बड़ा खुलासा किया है। FATF ने कहा कि पाकिस्तान बैलिस्टिक मिसाइल को विकसित करने में लगा हुआ है, जो अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है। FATF ने इस रिपोर्ट में 2020 में भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा जब्त किए गए एक शिपमेंट का हवाला भी दिया है। इस रिपोर्ट ने फिर पाकिस्तान की पोल खोल दी है।
रिपोर्ट
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के लिए महत्वपूर्ण उपकरणों सहित दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं को निर्यात दस्तावेजों में गलत तरीके से घोषित किया गया था और उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रीय विकास परिसर से जोड़ा था। FATF ने कहा कि ऐसी गतिविधियां वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा हैं और यह सामान न केवल मिसाइल बनाने में मदद कर सकता था, बल्कि यह भी दिखाता है कि पाकिस्तान हथियारों के प्रसार में शामिल हो सकता है।
जहाज
क्या है भारत द्वारा जहाज पकड़ने का मामला?
फरवरी, 2020 में भारतीय अधिकारियों ने कांडला पोर्ट पर एक संदिग्ध जहाज को रोका था, जो चीन से पाकिस्तान जा रहा था। इस जहाज में 35 से 40 फीट लंबा एक बड़ा प्रेशर चैंबर मिला था, जिसे मिसाइल बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला ऑटोक्लेव बताया गया। इसे छिपाने के लिए गलत दस्तावेज भी इस्तेमाल किए गए थे। जांच में पता चला कि यह ऑटोक्लेव पाकिस्तान के राष्ट्रीय विकास परिसर (NDC) ले जाया जा रहा था।
भारत
FATF के समक्ष मुद्दा उठा सकता है भारत
न्यूज18 के मुताबिक, भारत ने सबूतों का एक नया डोजियर तैयार किया है, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और उनके वित्तीय नेटवर्क की जानकारी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 23 FATF सदस्य देशों से समर्थन हासिल किया है, जिन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत का समर्थन किया था। भारत का कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देने के साथ अंतरराष्ट्रीय फंड का इस्तेमाल हथियार खरीदने में करता है।
ग्रे सूची
पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में शामिल करवाना चाहता है भारत
पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में शामिल करवाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए शीर्ष भारतीय अधिकारियों ने कथित तौर पर FATF के वैश्विक नेटवर्क के प्रमुख सदस्य देशों के साथ खुफिया जानकारी साझा की है, ताकि पाकिस्तान को ग्रे सूची में डालने के लिए आम सहमति बनाई जा सके। बता दें कि पाकिस्तान अब तक 3 बार ग्रे सूची में रह चुका है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है, जिसे 1989 में G-7 देशों ने बनाया था। इसका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग, हथियारों के वित्तपोषण समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए दूसरों खतरों को रोकने के लिए कानूनी और दूसरे कदम उठाना है। इसका सचिवालय पेरिस में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) मुख्यालय में स्थित है। FATF में भारत समेत 40 सदस्य हैं। भारत 2006 में इसका पर्यवेक्षक बना और 2010 में पूर्ण सदस्य बन गया।