कैसे भारतीय सेना ने बिस्किट की मदद से किया लश्कर-ए-तयैबा के शीर्ष कमांडर का खात्मा?
जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और पुलिस ने आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत शनिवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के शीर्ष कमांडर उस्मान भाई उर्फ छोटा वालिद को मार गिराया। सेना के इस अभियान में बिस्किट ने काफी अहम भूमिका निभाई। इस बिस्किट की मदद से सेना को आतंकी तक पहुंचने में एक महत्वपूर्ण बाधा को पार करने में मदद मिली थी। ऐसे में आइए जानते हैं वह बाधा क्या थी और बिस्किट ने कैसे सेना की मदद की।
कौन था लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर उस्मान?
भारतीय सेना के अधिकारियों के अनुसार, उस्मान LeT का प्रमुख था और 2000 के दशक की शुरुआत में अपनी गतिविधियां शुरू करने के बाद से कई आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के लिए जाना जाता था। वह गैर-स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों की हत्या में वांटेड था। वह पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलिस निरीक्षक मसरूर वानी की हत्या में भी शामिल था, जिनकी श्रीनगर के ईदगाह मैदान पर क्रिकेट खेलते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उस्मान लंबे समय से जम्मू-कश्मीर में चला रहा था आतंकी गतिविधियां
सेना के अनुसार, उस्मान लंबे समय से जम्मू-कश्मीर से आतंकी गतिविधियां चला रहा था। पाकिस्तान में कुछ समय बिताने के बाद वह 2016-17 के आसपास वापस इस क्षेत्र में घुसपैठ करके आया था और कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा था। उसे पाकिस्तान से संचालित LeT की दूसरी शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के कमांडर सज्जाद गुल का दाहिना हाथ बताया जाता था। ऐसे में सेना को उसकी लंबे समय से तलाश थी।
सेना ने कैसे चलाया उस्मान के खात्मे का अभियान?
अधिकारियों के अनुसार, उस्मान के श्रीनगर में खानयार के घनी आबादी वाले आवासीय क्षेत्र में होने की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने सावधानीपूर्वक 9 घंटे का ऑपरेशन प्लान किया। इसका उद्देश्य हमले की सटीकता सुनिश्चित करना था और साथ ही किसी भी तरह के अन्य नुकसान को कम से कम करना था। पूरा ऑपरेशन शनिवार को फज्र (सुबह की नमाज) से पहले शुरू किया गया था।
बिस्किट ने कैसे की सेना की मदद?
अधिकारियों ने बताया कि सेना ने उस्मान की मौजूदगी वाले इलाके में 30 घरों की घेराबंदी कर ली थी। हालांकि, सबसे बड़ी चिंता इलाके में आवारा कुत्तों की मौजूदगी थी। जवानों को देखने के बाद कुत्तों की भौंकने से आतंकी सतर्क हो सकते थे। ऐसे में ऑपरेशन में जुटी टीम ने इस समस्या से निपटने के लिए अपने साथ बिस्किट ले जाने की योजना बनाई थी। उन्होंने कुत्तों को बिस्किट खिलाकर उन्हें शांत रखा, जिससे आतंकी सतर्क नहीं हो पाए।
सेना ने कैसे किया आतंकी उस्मान का खात्मा?
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के उस्मान के ठिकाने के पास पहुंचते ही उसने जवानों पर AK-47, पिस्तौल और कई ग्रेनेड हमला शुरू कर दिया। मुठभेड़ के दौरान कुछ ग्रेनेड फट गए, जिससे उस्मान की मौजूदगी वाले घर में आग लग गई। उन्होंने बताया कि जवानों ने त्वरित कार्रवाई कर आग पर काबू पाया और उसे दूसरे घरों तक फैलने से रोक लिया। बाद में कई घंटों की भीषण गोलीबारी के बाद उस्मान को मार गिराया गया।
श्रीनगर में 2 सालों में पहली बार हुई इतनी भीषण गोलीबारी
सेना के अधिकारियों ने बताया कि यह ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण था। इसका कारण था कि श्रीनगर में पिछले 2 सालों में पहली बार इतनी भीषण गोलीबारी हुई थी। बड़ी बात यह रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई और आतंकी को ढेर कर दिया गया।
उस्मान की मौत से LeT को लगा बड़ा झटका
सेना के अधिकारियों ने बताया कि उस्मान की मौत से आतंकी संगठन LeT को बड़ा झटका लगा है। इसका कारण है कि उस्मान पिछले 7 सालों से क्षेत्र में आतंकी संगठन की गतिविधियों को संचालित कर रहा था और उसके पास कई हमलों की योजना थी। उसके खात्मे से अब संगठन को नए सिरे से तैयारी के लिए मजबूर होना पड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन में CRPF के 2 जवान भी घायल हुए हैं। उनकी हालत स्थिर है।
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुई थे कई आतंकी हमले
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में कई आतंकी हमले हुए हैं। उस्मान के खिलाफ सफल ऑपरेशन के कुछ ही घंटों बाद श्रीनगर के रविवार बाजार में ग्रेनेड हमले में 12 लोग घायल हो गए। इससे पहले बडगाम जिले में उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों की हत्या कर दी गई थी। उससे पहले गंदेरबल जिले में एक सुरंग निर्माण स्थल पर एक स्थानीय डॉक्टर और बिहार के 2 मजदूरों समेत 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी।