दिल्ली के LG और मुख्यमंत्री मिलकर तय करें DERC के नए अध्यक्ष का नाम- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विद्युत निमायक आयोग (DERC) के अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर एक बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक साथ बैठना चाहिए और मिलकर DERC के नए अध्यक्ष का नाम तय करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि LG और मुख्यमंत्री संवैधानिक पदाधिकारी हैं और उन्हें आपस में लड़ने छोड़कर अपने मतभेदों से ऊपर उठना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, "हमारे पास गतिरोध तोड़ने के लिए एक सुझाव है। क्या LG और मुख्यमंत्री एक साथ बैठ सकते हैं और एक व्यक्ति के नाम पर सहमत हो सकते हैं, जिसे DERC का अध्यक्ष नियुक्त किया जा सके? कोर्ट ने आगे कहा, "आदर्श स्थिति यह है कि LG और मुख्यमंत्री एक नाम पर सहमत हों। हम इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि आप दोनों एक साथ बैठें और इसे सुलझाएं।"
सुप्रीम कोर्ट ने टाला था DERC के अध्यक्ष का शपथ ग्रहण
LG विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को जस्टिस (सेवानिवृत्त) उमेश कुमार को 4 जुलाई को DERC के अध्यक्ष के तौर पर शपथ दिलवाने का निर्देश दिया था। दिल्ली सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सत्त्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को राहत देते हुए जस्टिस कुमार के शपथ ग्रहण पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
दिल्ली के अध्यादेश से जुड़ा है पूरा मामला
DERC के अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला दिल्ली के अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग को लेकर लाए गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश से जुड़ा हुआ है। दरअसल, पहले दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग उपराज्यपाल करते थे, जिसे दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ये अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दे दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस आदेश को बेअसर कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेश पर भी की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र सरकार के इस अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह गुरुवार को मामले की अगली सुनवाई के दौरान नोटिस जारी करेगी और इसे संवैधानिक पीठ के पास भेजने पर विचार करेगी। केंद्र सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र अध्यादेश को बदलने के लिए संसद के मानसून सत्र में एक विधेयक पेश करेगी।