मानहानि मामला: राहुल ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
इससे पहले 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल याचिका को खारिज करते हुए उनकी दोषसिद्धि और 2 साल जेल की सजा पर रोक लगाने से मना कर दिया था।
इसी मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने से राहुल को अपनी सांसदी भी गंवानी पड़ी है।
मामला
क्या है मानहानि का मामला?
राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए पूछा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस बयान के खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने केस दर्ज करवाया था।
सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए 2 साल जेल और 15,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल की सदस्यता को रद्द कर दिया था।
हाई कोर्ट
गुजरात हाई कोर्ट ने क्यों की याचिका खारिज?
गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक की एकल पीठ ने राहुल की याचिका खारिज करते हुए कई तर्क दिये।
उन्होंने कहा था, "दोषी के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। मौजूदा केस के बाद भी उनके खिलाफ कुछ और केस दर्ज हुए हैं। ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है।"
उन्होंने कहा था, "राहुल के खिलाफ दोषसिद्धि न्यायसंगत है। सेशन कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है।"
कार्रवाई
सेशन कोर्ट भी खारिज कर चुका है राहुल का याचिका
गुजरात हाई कोर्ट से पहले सूरत की सेशन कोर्ट ने भी 20 अप्रैल को मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग करने वाली राहुल की याचिका खारिज कर दी थी।
राहुल ने 3 अप्रैल को यह याचिका दाखिल कर उन्हें दोषी ठहराने वाले मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
ऐसे में सेशन कोर्ट और हाई कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज होने के बाद राहुल को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
सुप्रीम कोर्ट
क्या राहुल को सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी राहत?
राहुल को सुप्रीम कोर्ट को राहत मिलने की उम्मीद है। याचिका पर सुनवाई को दौरान सुप्रीम कोर्ट अगर दोषसिद्धि के फैसले पर रोक लगा देती है तो राहुल की सांसदी भी बहाल भी हो सकती है।
इसके अलावा अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल की याचिका को खारिज करते हुए सजा को बरकरार रखता है तो राहुल 2 साल जेल की सजा पूरी होने के 6 साल बाद यानी 2031 तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।