कोरोना वैक्सीनेशन: निजी केंद्रों पर वैक्सीन लगवाने के लिए कितने पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं?
क्या है खबर?
लंबे विचार के बाद अब सरकार निजी क्षेत्र को भी कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में शामिल करने जा रही है।
देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू होगा। इसमें वैक्सीनेशन के लिए सरकारी के साथ-साथ निजी केंद्र भी बनाए जाएंगे। यहां पर लोग भुगतान कर वैक्सीन लगवा सकेंगे।
माना जा रहा है कि निजी केंद्रों पर लोगों को प्रति खुराक 400 रुपये का भुगतान करना पड़ सकता है।
कोरोना वैक्सीनेशन
देश में 16 जनवरी से शुरू हुआ था वैक्सीनेशन अभियान
भारत में 16 जनवरी को दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी शुरुआत की थी।
वैक्सीनेशन अभियान में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सरकार जुलाई तक शुरुआती दौर में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है।
पहले चरण में अभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मियों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
कोरोना वैक्सीन
निजी क्षेत्र ने दिया 400 रुपये में एक खुराक लगाने का अनुमान
द प्रिंट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि निजी अस्पतालों ने सरकार को वैक्सीन की एक खुराक लगाने में 400 रुपये खर्च आने का अनुमान बताया है।
इसका मतलब है कि वैक्सीन की दो खुराक लगवाने के लिए लोगों को 800 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
बता दें कि अभी तक इसका आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। आधिकारिक ऐलान में यह रकम कम या ज्यादा भी हो सकती है।
वैक्सीनेशन
दूसरे चरण में इन लोगों को लगाई जाएंगी वैक्सीन
बुधवार को वैक्सीनेशन के दूसरे चरण का ऐलान करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि निजी केंद्रों पर वैक्सीन लगवाने की लागत का फैसला सभी शेयरधारकों के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।
बता दें कि इस चरण में 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जो दूसरी बीमारियों से जूझ रहे हैं। सोमवार से इसकी शुरुआत हो जाएगी।
वैक्सीनेशन अभियान
कोविशील्ड खरीदने की प्रक्रिया में है निजी क्षेत्र
बताया जा रहा है कि निजी क्षेत्र सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन खरीदने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, "हम निजी अस्पतालों के साथ बात कर रहे हैं। उन्होंने हमें 400 रुपये में कोविशील्ड की एक खुराक देने का प्रस्ताव दिया है। क्रेता के लिए वैक्सीन की कीमत 300 रुपये हो सकती है। 100 रुपये वो एडमिनिस्ट्रेशन कॉस्ट के तौर पर लेंगे।"
इस तरह प्रति खुराक 400 रुपये की लागत आ सकती है।
जानकारी
अभी लागत पर हो रहा विचार
अधिकारी ने बताया कि एडमिनिस्ट्रेशन कॉस्ट के 100 रुपये में बराबर विभाजन होगा। 50 रुपये नर्स की फीस होगी और 50 रुपये अस्पताल के बाकी खर्चों के लिए होंगे। उन्होंने आगे कहा कि अभी इस पर विचार जारी है।
व्यवस्था
3,000 से ज्यादा अस्पतालों में प्रतिकूल प्रभावों के इलाज की व्यवस्था
अधिकारी ने बताया कि देश के 3,000 से ज्यादा निजी अस्पतालों में 100-100 ऐसे बेड हैं, जहां पर वैक्सीन के कारण नजर आने वाले प्रतिकूल प्रभावों का इलाज किया जा सकता है। ये अस्पताल रोजाना 100-500 लोगों को वैक्सीन लगा सकते हैं।
निजी स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों का यह भी सुझाव है कि ये अस्पताल बड़ी कंपनियों के साथ समझौता कर सकते हैं, जिसके तहत रोजाना उनके कर्मचारियों को वैक्सीन की खुराकें दी जा सकेंगी।
जानकारी
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो देश में अब तक कोरोना वैक्सीन की 1,42,42,547 खुराक लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 7,69,904 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। अभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
कोरोना वायरस
सक्रिय मामलों की संख्या में इजाफा जारी
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 16,488 नए मामले सामने आए और 113 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,10,79,979 हो गई है। इनमें से 1,56,938 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1,59,590 हो गई है। सक्रिय मामलों में बीते कई दिनों से लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है।