वैक्सीन पर संदेह के चलते वैक्सीनेशन से दूर रह रहे हजारों स्वास्थ्यकर्मी
भारत में बीते शनिवार से कोरोना के खिलाफ दुनिया का सबसे वैक्सीनेशन (टीकाकरण) अभियान शुरू हुआ था। हालांकि, वैक्सीन को लेकर शंकाओं को लेकर हजारों स्वास्थ्यकर्मी अभी तक वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचे हैं। इसके बाद सरकार ने वैक्सीन में लोगों का भरोसा बढ़ाने के प्रयास तेज किए हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर तकनीकी खामियों और दूसरी समस्याओं के चलते वैक्सीन नहीं लगवा पाए हैं, जिससे यह अभियान पूरी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है।
सोमवार को 1.57 लाख लोगों को लगाई गई वैक्सीन
वैक्सीनेशन अभियान के पहले तीन दिनों में देशभर में 3,81,305 लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, जबकि पहले दिन का ही लक्ष्य 3 लाख था। सोमवार को देश के विभिन्न राज्यों में कुल 1,57,004 लोगों को वैक्सीन दी गई। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में अभी तक रजिस्टर्ड स्वास्थ्यकर्मियों में से केवल 53 प्रतिशत ही वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आए हैं। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में सोमवार को केवल आठ लोगों को ही वैक्सीन लगाई गई।
दिल्ली में ऐसे चल रहा है वैक्सीनेशन
वैक्सीनेशन अभियान के लक्ष्य के तहत हर केंद्र पर एक सेशन में 100 लोगों को वैक्सीन लगाई जानी है। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को AIIMS में आठ, LJP अस्पताल में 12 और सफदरजंग अस्पताल में 20 लोगों को वैक्सीन दी गई, जो लक्ष्य से काफी कम है। इसी तरह शनिवार को दिल्ली में पहले दिन 8,000 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगनी थी, लेकिन इनमें से लगभग 4,000 स्वास्थ्यकर्मी ही वैक्सीन लेने पहुंचे थे।
पंजाब में भी दिल्ली जैसा हाल
दिल्ली की तरह पंजाब में वैक्सीनेशन अभियान अपनी रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। यहां पहले दिन लक्ष्य के केवल 36 प्रतिशत लाभार्थी ही वैक्सीन लगवाने साइट्स पर पहुंचे थे। दोनों जगह अधिकारियों ने कोविन ऐप में तकनीकी खामी को इसकी एक वजह बताया है।
केरल और तमिलनाडु को लेकर सरकार ने चिंता जाहिर की
उत्तर की तरह दक्षिण भारत के राज्य में भी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन देने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। केरल और तमिलनाडु अभी तक लक्ष्य के 25 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीन नहीं लगा पाए हैं। इसे देखते हुए केंद्र ने दोनों राज्य सरकारों को स्वास्थ्यकर्मियों से बात करने और उन्हें वैक्सीनेशन के लिए मनाने को कहा है। दोनों राज्यों का कहना है कि स्वास्थ्यकर्मियों में वैक्सीन को लेकर शंकाएं देखने को मिल रही हैं।
छत्तीसगढ़ और पंजाब से रफ्तार बढ़ाने को कहा गया
सूत्रों ने बताया कि रोजाना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होने वाली समीक्षा बैठक में केंद्र ने पंजाब और छत्तीसगढ़ को भी प्रयास तेज करने को कहा है। इन राज्यों में भी वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ सका है।
वैक्सीनेशन में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना आगे
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना अभी तक वैक्सीनेशन में अभी तक सबसे आगे हैं। तीनों राज्यों में अभी तक लक्ष्य का 70 प्रतिशत से ज्यादा वैक्सीनेशन हो चुका है। केंद्र ने समीक्षा बैठक में दूसरे राज्यों को इनका उदाहण भी दिया था। सूत्रों ने बताया कि तीनों राज्यों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बैठकर वैक्सीनेशन पर विस्तार से चर्चा की थी। यहां वैक्सीन में स्वास्थ्यकर्मियों का भरोसा कायम करने के लिए काफी काम किया गया था।
किस राज्य में कितने सेशन?
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अभियान के पहले दिन तमिनलाडु में 161 सेशन में 2,945 स्वास्थ्यकर्मियों को, केरल में 133 सेशन में 8,062 स्वास्थ्यकर्मियों, छत्तीसगढ़ में 97 सेशन में 5,592 और पंजाब में 59 सेशन में 1,319 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई। इनकी तुलना में आंध्र प्रदेश में पहले दिन 332 सेशन में 18,412 स्वास्थ्यकर्मियों को, कर्नाटक में 242 सेशन में 13,594 स्वास्थ्यकर्मियों और तेलंगाना में 140 सेशन में 3,653 स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई गई थी।