पड़ोसी देशों की मदद के लिए आगे आया भारत, फ्री में देगा कोरोना वैक्सीन
कोरोना वायरस महामारी के इस मुश्किल दौर में भारत ने अपने पड़ोसी देशों की सहायता करने का फैसला लिया है और वह अपने ज्यादातर पड़ोसियों को मुफ्त में कोविड वैक्सीन की लाखों खुराकें देगा। बांग्लादेश और मालदीव जैसे देशों में ये खुराकें कल पहुंच जाएंगी, वहीं अन्य देशों को अभी कुछ दिन का इंतजार करना पड़ सकता है। इलाके में चीन के बढ़ते प्रभुत्व के बीच भारत के इस कदम को कूटनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत करने के लिए इन पड़ोसी देशों को वैक्सीन देगा भारत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार सद्भावना के तौर पर बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव और मॉरिशस आदि अपने पड़ोसी देशों को कोरोना वैक्सीन की मुफ्त खुराकें देगा, ताकि वे कोरोना वायरस के खिलाफ अपना वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर सकें। इसके बाद जिस देश को जितनी भी खुराकें चाहिए होंगी, उन्हें वैक्सीन बना रही कंपनियों के साथ इसके लिए समझौता करना होगा और इनका भुगतान करना होगा।
कल सबसे पहले बांग्लादेश और मालदीव पहुंचेंगी वैक्सीन
भारत की तरफ से दी जा रही वैक्सीनें कल सबसे पहले बांग्लादेश और मालदीव पहुंचेंगी। बांग्लादेश सरकार ने आज इसका ऐलान करते हुए कहा कि उन्हें 20 जनवरी को भारत की तरफ से गिफ्ट के तौर पर कोविशील्ड की 20 लाख खुराकें मिलेंगी। भारत से एक विशेष विमान के जरिए ये खुराकें ढाका के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी। वहीं एक सरकारी सूत्र के अनुसार, मालदीव को स्वास्थ्यकर्मियों और वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन लगाने जितनी खुराकें प्रदान की जाएंगी।
भूटान की पूरी आबादी के लिए मुफ्त में वैक्सीन देगा भारत
इससे पहले सोमवार को भूटान के प्रधानमंत्री लोतेय त्सेरिंग ने जानकारी दी थी कि भारत सरकार भूटान की पूरी आबादी के लिए मुफ्त में कोविड वैक्सीन देगी। उन्होंने कहा, "अगर हम वैक्सीन खरीदते हैं तो हमें 60 लाख डॉलर खर्च करने पड़ेंगे। हमारे महाराज को भारत सरकार ने सूचना दी कि वे भूटान के साथ पुराने संबंधों का मूल्य समझते हैं और वे भूटान की मदद करेंगे।" बता दें कि भूटान की जनसंख्या लगभग 7.7 लाख है।
भारत ने नेपाल से भी किया जल्द वैक्सीन प्रदान करने का वादा
भारत ने नेपाल से भी जल्द वैक्सीन प्रदान करने का वादा किया है और इस संबंध में तैयारियां अंतिम चरण में हैं। नेपाल ने कोविशील्ड को आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी दे दी है और इसे सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जाएगा।
पाकिस्तान भी भारतीय वैक्सीनों की खरीद को लेकर इच्छुक, तलाश रहा विकल्प
इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान भी भारत में बनी कोरोना वैक्सीनों की खरीद को लेकर इच्छुक है और इसके लिए अपने विकल्प तलाश रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय 'कोवैक्स' संधि के जरिए वह अपनी 20 प्रतिशत आबादी के लिए भारतीय वैक्सीनें हासिल कर सकता है। इसके अलावा बाकी आबादी को वैक्सीन प्रदान करने के लिए भी वह भारत या भारतीय कंपनियों के साथ द्विपक्षीय समझौता करने पर विचार कर रहा है।
चीन के बढ़ते प्रभुत्व के बीच अहम है भारत की 'वैक्सीन डिप्लोमैसी'
बता दें कि चीन के साथ तनाव के बीच पड़ोसी देशों को मुफ्त में वैक्सीन प्रदान करने के भारत के इस कदम को कूटनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चीन पिछले काफी समय से भारत के पड़ोसी देशों विशेषकर में अपनी पैठ जमाने में लगा हुआ है, ताकि समय आने पर भारत को घेरा जा सके। अब अपने पड़ोसी देशों की मदद करके भारत चीन की इस चाल की काट में लगा हुआ।
दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' है भारत, कोरोना महामारी से निपटने में होगी अहम भूमिका
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में भारत में सबसे अधिक वैक्सीनें बनती है और इसे दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' कहा जाए तो गलत नहीं होगा। अभी भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर अमेरिका और बिल गेट्स तक कह चुके हैं कोरोना वायरस महामारी से बाहर निकलने में वैक्सीन उत्पादन की भारत की क्षमता अहम भूमिका अदा करेगी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आश्वासन दे चुके हैं कि भारत की इस क्षमता का मानवता के भले के लिए उपयोग होगा।