अमेरिका: राज्यों से 1 नवंबर से कोरोना वैक्सीन के वितरण को तैयार रहने को कहा गया

अमेरिका की संघीय सरकार ने राज्यों से 1 नवंबर से कोरोना वायरस की वैक्सीन के वितरण के लिए तैयार रहने को कहा है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के निदेशक रॉबर्ट रेडफील्ड ने इस संबंध में सभी गवर्नरों को पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि राज्यों को 'निकट भविष्य' में मैक्केसन कॉर्प से परमिट ऐप्लिकेशन मिल जाएगी। मैक्केसन कॉर्प ने CDC के साथ राज्यों और अस्पतालों में वैक्सीन के वितरण के लिए अनुबंध किया है।
पत्र में लिखा गया है, 'CDC आपसे वितरण सेवाओं की ऐप्लिकेशन में तेजी लाने का निवेदन करता है और अगर जरूरत पड़े तो ऐसी सभी जरूरतों में छूट देने को कहता है जो इन्हें 1 नवंबर से सुचारू रूप से संचालित होने से रोक सकती है।' रेडफील्ड ने आगे लिखा कि किसी भी तरह की छूट के लिए वैक्सीन के असर और इसकी सुरक्षा के साथ समझौता नही किया जाएगा।
इसके अलावा कई जगहों पर स्वास्थ्य विभाग को तीन दस्तावेज भी भेजे गए हैं, जिसमें वैक्सीन उपलब्ध होने के संभावित समय की जानकारी दी गई है। इन दस्तावेजों का इस्तेमाल उस समय योजना बनाने के लिए किया जाएगा, जब वैक्सीन की आपूर्ति किसी तरह से कम हो सकती है। इनमें से एक दस्तावेज में बताई गई स्थिति के हिसाब से कोरोना वायरस की वैक्सीन अक्तूबर के अंत तक उपलब्ध हो सकती है।
एक दूसरे दस्तावेज में बताया गया है कि नवंबर की शुरुआत तक सीमित संख्या में वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है और अगले साल तक इसकी आपूर्ति तेज कर दी जाएगी। इसमें यह भी कहा गया है कि शुरुआती दौर में उपलब्ध होने वाली वैक्सीन या तो फूड एंड ड्रंग एडमिनिेस्ट्रेशन (FDA) से मंजूरी प्राप्त होगी या इसे आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए मंजूरी दी जाएगी। पत्र में अधिकारियों को इस संबंध में तैयारियां तेज करने को कहा गया है।
रेडफील्ड ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "अधिकारी उस चीज के लिए तैयारी कर रहे हैं जो मुझे लगता है कि हकीकत होने वाली है। नवंबर तक हमारे लिए एक या अधिक वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।"
दूसरी तरफ इस समयसीमा को लेकर जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि संभावित वैक्सीन का अंतिम चरण अभी पूरा नहीं हुआ है। वो ये नहीं समझ पा रहे कि नवंबर तक किसी वैक्सीन की सुरक्षा और असर को जांचने के लिए पर्याप्त डाटा कैसे उपलब्ध हो सकता है। वो यह भी कह रहे हैं कि सरकार को चुनावो की बजाय वैज्ञानिक प्रकिया को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
वहीं FDA के कमिश्नर स्टीफन हॉह्न ने कुछ दिन पहले कहा था कि एजेंसी संभावित वैक्सीन की प्रक्रिया के बीच मे हस्तक्षेप नहीं करेगी, लेकिन यह उसका काम तेज करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि अगर किसी संभावित वैक्सीन के फायदे नुकसान से ज्यादा है तो उसे क्लिनिकल ट्रायल पूरा होने से पहले मंजूरी दी जा सकती है। स्टीफन के इस भरोसे के बावजूद कई विशेषज्ञ मान रहे हैं कि वैक्सीन के लिए नवंबर की समयसीमा बहुत जल्दी है।
कोरोना वायरस के कारण दुनिया के सर्वाधिक प्रभावित देश अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। ऐसे में कुछ लोगों का यह कहना है कि ट्रंप अपने राजनीतिक फायदे के लिए जल्दबाजी में किसी वैक्सीन को हरी झंडी दे सकते हैं, जो लोगों के लिए खतरा बन सकती है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अभी तक अमेरिका में 61.14 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से लगभग 1.86 लाख लोगों की मौत हुई है।