कोरोना वायरस: रेस में सबसे आगे चल रहीं हैं ये तीन वैक्सीन
कोरोना वायरस ने इस समय पूरी दुनिया में कहर मचाया हुआ है और अब तक 54 लाख लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 3.45 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस की वैक्सीन या इसके उपचार को ही दुनिया के फिर से सामान्य की तरफ लौटने का एकमात्र रास्ता माना जा रहा है। इस समय तीन संभावित वैक्सीन ऐसी हैं जो रेस में सबसे आगे चल रही हैं। आइए आपको इनके बारे में बताते हैं।
पहले जानिए वैक्सीन काम कैसे करती हैं?
वैक्सीन के जरिये हमारे इम्युन सिस्टम में कुछ मॉलिक्यूल्स, जिन्हें वायरस के एंटीजंस भी कहा जाता है, भेजे जाते हैं। आमतौर पर ये एंटीजंस कमजोर या निष्क्रिय वायरस होता है ताकि हमें बीमार न कर सकें। इनके शरीर में दाखिल होने पर इम्युन सिस्टम इन्हें असली वायरस समझ एंटीबॉडीज बनाना शुरू कर देता है। आगे चलकर अगर हम असली वायरस से संक्रमित होते हैं तो ये एंटीबॉडीज वायरस को मार देती हैं और हम बीमारी से बच जाते हैं।
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन रेस में सबसे आगे
कोरोना वायरस की वैक्सीन की रेस में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन सबसे आगे है। यूनिवर्सिटी के जेन्नर इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक इस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। ये वैक्सीन चिम्पैंजी में सामान्य जुकाम करने वाले एडीनोवायरस को कमजोर करके और उसके ऊपर कोरोना वायरस जैसे प्रोटीन लगाकर तैयार की गई है। जेनेटिककली इसमें ऐसा बदलाव किया गया है कि इसके लिए इंसान के अंदर जाकर खुद की संख्या बढ़ाना संभव नहीं है।
इसलिए अन्य वैक्सीन से रेस में आगे है ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन
वैज्ञानिकों ने इस तरीके से पहले इबोला के लिए वैक्सीन बनाने की कोशिश की थी और तब इस तरीके को सुरक्षित पाया गया था। तभी से इस पर रिसर्च हो रही है और सुरक्षा को लेकर सुनिश्चितता के कारण ये बाकी वैक्सीन से रेस में आगे है। इसके दूसरे और तीसरे चरण के लिए ट्रायल के लिए 10,260 का पंजीकरण शुरू हो गया है। अगर ये वैक्सीन कारगार साबित होती है तो अक्टूबर तक बाजार में आ सकती है।
अमेरिकी कंपनी मोडर्ना की वैक्सीन दूसरे नंबर पर
अमेरिका की मोडर्ना कंपनी की mRNA-1273 नामक वैक्सीन रेस में दूसरे नंबर पर चल रही है। इस वैक्सीन को कोरोना वायरस का RNA लेकर तैयार किया गया है और ये बेहद नई तकनीक है। ये इंसानी ट्रायल में प्रवेश करने वाली पहली वैक्सीन थी और इसके पहले चरण के ट्रायल के नतीजे सकारात्मक आए हैं। ट्रायल में जिन आठ लोगों को ये वैक्सीन दी गई, उन सभी में कोरोना वायरस की एंटी-बॉडीज पाई गईं।
सब कुछ ठीक रहा तो साल के अंत तक आ सकती है मोडर्ना की वैक्सीन
मोडर्ना के अनुसार, अब दूसरे चरण में 600 लोगों पर इसका ट्रायल किया जाएगा। जुलाई में ट्रायल का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण शुरू होगा जिसमें हजारों लोगों पर इस वैक्सीन का असर देखा जाएगा। कंपनी के मुख्य मेडिकल अधिकारी टाल जैक्स ने कहा, "अगर सभी ट्रायल उम्मीद के मुताबिक रहे तो इस साल के अंत या अगले साल की शुुरुआत में दुनियाभर के लोगों के लिए यह वैक्सीन तैयार हो जाएगी।"
चीन की कैनसाइनो बायोलॉजिक्स कंपनी की वैक्सीन तीसरे नंबर पर
चीन की बायोटेक कंपनी कैनसाइनो बायोलॉजिक्स की Ad5-nCoV वैक्सीन तीसरी ऐसी संभावित वैक्सीन है जिस पर पूरी दुनिया की नजर है। कैनसाइनो चीनी सेना के साथ मिलकर इस वैक्सीन को तैयार कर रही है। इस वैक्सीन को भी ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की तरह कमजोर और खुद को बढ़ाने में नाकाम एडीनोवायरस टाइप 5 के ऊपर कोरोना वायरस जैसे प्रोटीन लगाकर तैयार किया गया है। ये अभी दूसरे चरण के ट्रायल में चल रही है।
शुरूआती ट्रायल में कारगर सिद्ध हुई वैक्सीन
कंपनी के वैज्ञानिकों ने 'द लांसेट' में एक पेपर प्रकाशित कर दावा किया है कि शुरूआती ट्रायल में उनकी वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ एंटी-बॉडी विकसित करने में कामयाब रही है। इस ट्रायल में 108 लोगों ने हिस्सा लिया था और इनमें से जिन्हें वैक्सीन दी गई, उनमें दो हफ्ते के अंदर कोरोना वायरस की एंटी-बॉडीज पैदा हो गईं। कोरोना वायरस के खिलाफ ये प्रभावी है या नहीं, इसके पुख्ता सबूत अगले साल की शुरूआत तक मिल सकते हैं।