सरकार को मिली स्विस बैंकों में धन जमा करने वाले भारतीय नागरिकों की पहली सूची
क्या है खबर?
जिन भारतीय नागरिकों के स्विस बैंकों में खाते हैं, उनकी पहली सूची भारत सरकार को मिल गई है।
दोनों देशों के बीच हुए ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफोर्मेशन (AEOI) समझौते के तहत भारत सरकार को ये जानकारियां सौंपी गई हैं।
ये सभी खाते गैरकानूनी नहीं है और जांच के बाद ही ये स्पष्ट होगा कि इनमें कितने काले धन के खाते हैं।
भारत के अलावा 74 अन्य देशों को भी उनके नागरिकों के स्विस बैंक खातों की जानकारियां सौंपी गई हैं।
काला धन
प्रधानमंत्री मोदी का बड़ा मुद्दा रहा है काला धन
विदेशों में जमा काला धन भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बड़ा मुद्दा रहा है।
सरकार को अपने अभियान में बड़ी उपलब्धि तब मिली जब 22 नवंबर 2016 को स्विट्जरलैंड के साथ बैंक खातों की जानकारी के लेनदेन को लेकर AEOI समझौता हुआ।
इस समझौते के तहत भारत को जनवरी 2018 के बाद के सभी बैंक खातों की जानकारी दी जाएगी। इनमें बंद किए जा चुके खाते भी शामिल हैं।
जानकारी
2020 में मिलेगी अगली सूची
अब भारत को स्विस बैंकों में धन जमा करने वाले अपने नागरिकों की पहली सूची मिल गई है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ये सभी खाते गैरकानूनी नहीं है और प्राप्त जानकारियों की सरकारी एजेंसियों द्वारा जांच के बाद ही ये पता चलेगा कि इनमें से कितने खातों में काला धन जमा है।
जांच में सबसे पहले खाताधारकों के नाम और उनके खातों की जानकारियों को बटोरा जाएगा।
सरकार को अगली सूची 2020 में मिलेगी।
कारण
इन वजहों से स्विस बैंकों में अपना धन जमा करते हैं भारतीय
भारतीय नागरिकों के स्विस बैंकों में खाता खोलने के दो मुख्य कारण हैं।
पहला ये कि वहां बहुत कम टैक्स लगता है।
दूसरा ये कि स्विस बैंक अपने ग्राहकों की जानकारी किसी से साझा नहीं करते और पूरी गोपनीयता बनाकर रखते हैं। इस तरह से काला धन छिपाने वाले व्यक्तियों की पहचान गुप्त रहती है।
हालांकि पिछले कुछ सालों में इस स्थिति में बदलाव आया है और भारत सहित कई देशों के साथ जानकारी साझा करने का समझौता हुआ है।
कितना काला धन?
विदेशों में काले धन पर नहीं है कोई स्पष्ट और सर्वमान्य आंकड़ा
विदेशों और स्विस बैंकों में भारतीयों का कितना काला धन जमा है, इसे लेकर अलग-अलग आंकड़े हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 1980 से 2010 के बीच 30 साल के दौरान भारतीयों ने 246 अरब डॉलर से लेकर 490 अरब डॉलर धन विदेशों में जमा किया।
इस बीच मोदी सरकार की काले धन को लेकर सख्ती के कारण कई भारतीयों ने स्विस बैंकों में अकाउंट्स बंद कर दिए थे। इससे स्विस बैंकों में जमा रकम में कमी आई थी।