पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने इन तरीकों से लिया पाकिस्तान से बदला
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हमले को आज एक साल हो गया है।
इस हमले में पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से भरी कार से जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर CRPF के काफिले पर हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए थे। आइए आपको ऐसी ही कुछ बड़ी कार्रवाईयों के बारे में बताते हैं।
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हमले के अगले ही दिन छीना MFN का दर्जा
पुलवामा हमले के अगले ही दिन भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन यानि MFN का दर्जा छीन लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक में ये फैसला लिया गया था।
इस फैसले के बाद पाकिस्तान को भारत के साथ व्यापार के लिए मिलने वाली छूट बंद हो गई है।
पाकिस्तान को ये दर्जा 1996 में दिया गया था और इसका मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार मजबूत करना था।
कस्टम ड्यूटी
पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर ड्यूटी बढ़ाकर 200 प्रतिशत की
MFN का दर्जा छीनने के अगले दिन भारत ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तान से आयात होने वाली वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दी। पाकिस्तान भारत में सीमेंट, फल, पेट्रोलियम आदि का निर्यात करता था, जिस पर इस फैसले का असर पड़ा।
सबसे ज्यादा असर फल, सीमेंट और कपास का व्यापार करने वाले पाकिस्तानी व्यापारियों पर पड़ा और ड्यूटी बढ़ने के बाद भारत के साथ उनका व्यापार लगभग बंद हो गया।
जानकारी
श्रीनगर और मुजफ्फराबाद के बीच बस सेवा की बंद
भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद और श्रीनगर के बीच चलने वाली 'शांति बस सेवा' को भी अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से अपने उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी वापस बुला लिया।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को किया अलग-थलग
भारत ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश भी की और इसमें कामयाब रहा। इसमें भारत को अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस जैसे देशों का साथ मिला।
अपने इन्हीं प्रयासों के तहत भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराने का दबाव भी बनाया और उसे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की आर्थिक सहायता करने के सबूत पेश किए।
अभी पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में है।
दबाव
पाकिस्तान को मसूद अजहर और हाफिज सईद को करना पड़ा गिरफ्तार
भारत और FATF के इस दबाव के कारण पाकिस्तान को आतंकियों पर कार्रवाई करने को मजबूर होना पड़ा।
उनसे कई आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर, उसके भाई-बेटे और हाफिज सईद समेत 44 आतंकियों को गिरफ्तार किया।
इनमें से हाफिज सईद को हाल ही में लाहौर कोर्ट ने आतंकी फंडिंग के दो मामलों में दोषी पाया और दोनों मामलों में अलग-अलग साढ़े पांच साल की सजा सुनाई।
वैश्विक आतंकवादी
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में मिली कामयाबी
पुलवामा हमले के बाद भारत ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मुहिम चलाई और हमले के बाद दो बार इसका प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पेश किया गया।
भारत को इसमें अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों का सहयोग मिला और उन्होंने ही UNSC में ये प्रस्ताव पेश किए।
पहले प्रस्ताव को चीन ने वीटो कर दिया, लेकिन दूसरे प्रस्ताव पर उसे झुकना पड़ा और मई, 2019 में अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया।
बालाकोट एयर स्ट्राइक
बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर लिया सबसे बड़ा बदला
पाकिस्तान से पुलवामा हमले का सबसे बड़ा बदला भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करके लिया।
26 फरवरी, 2019 को सुबह अंधेरे में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इन ठिकानों पर बम बरसाए। हालिया इतिहास में ये पहली बार था जब भारत ने पाकिस्तान के अंदर बम बरसाए हों।
भारत के इस हमले के बाद पाकिस्तान में दहशत पैदा हुई और सीमा के पास चल रहे ऐसे आतंकी कैंपों को बंद कर दिया गया।