महाकुंभ: AI से लैस कैमरे, ड्रोन और अधिकारियों की टीम कैसे कर रही लोगों की गिनती?
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में इस बार रिकॉर्ड 40 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।
पहले शाही स्नान और उसके बाद के 2 दिनों में ही करीब 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मेले में आ चुके हैं। हालांकि, कुंभ में श्रद्धालुओं के आंकड़ों पर सवाल भी उठ रहे हैं।
ऐसे में आइए जानत हैं कि मेले में आने वाले लोगों की गिनती कैसे की जा रही है।
कैमरे
मेला परिसर में लगाए गए 1,800 से ज्यादा कैमरे
प्रशासन ने मेला परिसर में 1,800 से ज्यादा कैमरे लगाए हैं, जिनमें से कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस है। ये भीड़ के घनत्व का विश्लेषण कर लोगों की संख्या बताते हैं।
इन्हें घाटों, आने-जाने के रास्तों और प्रवेश और निकास बिंदुओं पर रणनीतिक रूप से लगाया गया है।
इनके साथ ड्रोन भी ऊपर से तस्वीरें लेते हैं, जिनका एक केंद्रीय मूल्यांकन टीम विश्लेषण करती है और लोगों की संख्या का अनुमान लगाती है।
संख्या
भीड़ का अनुमान कैसे लगाते हैं कैमरे?
AI से लैस ये कैमरे 360 डिग्री की तस्वीरें लेते हैं। पूरे मेला परिसर में इस तरह के करीब 1,100 स्थायी और 744 अस्थायी कैमरे लगे हुए हैं।
साथ ही ड्रोन कैमरे एक खास इलाके में लोगों के घनत्व को मापते हैं। इसके आधार पर पूरे परिसर का आंकड़ा निकाला जाता है।
एक मोबाइल एप्लिकेशन भी परिसर में सक्रिय मोबाइलों की संख्या पता करती है। इससे भी लोगों की संख्या का अनुमान लगाया जाता है।
अधिकारी
अधिकारियों की एक टीम भी रखती है नजर
भीड़ प्रबंधन के लिए मेला परिसर में एक केंद्रीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र बनाया गया है। इसमें तैनात पुलिस अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञों AI संचालित एल्गोरिदम से वास्तविक समय के डेटा की जानकारी लगातार मिलती रहती है।
अगर मेले के किसी हिस्से में भीड़ असामान्य तरीके से बढ़ती है तो तुरंत अलर्ट जारी किए जाते हैं। इससे भीड़ की वजह से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
बयान
योगी आदित्यनाथ बोले- 7 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, 'आस्था, एकता और समरसता के महासमागम महाकुंभ 2025, प्रयागराज में आज 30 लाख से अधिक और अब तक 7 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने का सौभाग्य प्राप्त किया है। संगम के पवित्र जल में पावन स्नान का पुण्य लाभ अर्जित करने वाले पूज्य साधु-संतों, 10 लाख कल्पवासियों एवं 20 लाख श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन। मां गंगा सभी के मनोरथ पूर्ण करें।'