बीते एक साल में देश में प्राकृतिक आपदाओं से हुई लगभग ढाई हजार लोगों की मौत
तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण लोगों को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। इन प्राकृतिक आपदाओं में बाढ़, सूखा, आग और भूकंप जैसी घटनाएं प्रमुख है। जलवायु परिवर्तन का असर वैसे तो पूरे विश्व पर पड़ रहा है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण अकेले भारत में साल 2019-20 में 2,420 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 71,000 से अधिक मवेशी इन आपदाओं की भेंट चढ़ गए।
गृह मंत्रालय ने लोकसभा में पेश किए आंकड़े
प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के बारे में गृह मंत्रालय ने लोकसभा में बताया कि देश में 1 अप्रैल, 2019 और 20 फरवरी, 2020 तक 2,420 लोग और 71,000 मवेशी जान गंवा चुके हैं। इसी तरह 7 लाख 44 हजार घर क्षतिग्रस्त हो गए। इससे इन घरों में रहने वाले लोग बेघर हो गए। वहीं इस अवधि में 114 लाख हैक्टेयर भूमि बाढ़ और सूखे की चपेट में आई है। इससे फसलें तबाह हो गई।
मध्य प्रदेश में हुआ सबसे अधिक नुकसान
आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इस अवधि में सबसे अधिक नुकसान मध्य प्रदेश में हुआ है। प्राकृतिक आपदाओं से यहां सबसे अधिक 674 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद महाराष्ट्र में 253, पश्चिम बंगाल में 227, गुजरात में 195, उत्तर प्रदेश में 166, बिहार में 133 और कर्नाटक में 91 लोगों की मौत हुई है। इसी प्रकार अन्य राज्यों में भी मौत हुई है, लेकिन उनका राज्यवार आंकड़ा अभी उपलब्ध नहीं हुआ है।
फसल क्षेत्र खराब होने में भी मध्य प्रदेश शीर्ष पर
गृह मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, इस अवधि में कुल 114 लाख हैक्टेयर फसल भूमि बाढ़ और सूखे की चपेट में आई है। इसमें भी मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 60.47 लाख हैक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। इसी तरह राजस्थान में 23.92 लाख हैक्टेयर और कर्नाटक में 9.35 लाख हैक्टेयर भूमि खराब हुई है। इस भूमि पर अधिकतर किसानों ने फसलें बो रखी थी, लेकिन बारिश और सूखे के कारण वह बर्बाद हो गई।
कर्नाटक में सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुए मकान
प्राकृतिक आपदाओं के कारण देश में कुल 7 लाख 44 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा कर्नाटक के 15 लाख, असम के एक लाख 40 हजार और महाराष्ट्र के एक लाख नौ हजार घर शामिल हैं। इसी तरह कुल जान गंवाने वाले 71,755 मवेशियों में से सबसे ज्यादा 59,600 मवेशियों की मौत अकेले कर्नाटक राज्य में ही हुई है। इससे राज्य के किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है।
राज्यों को जारी की गई 5,239 करोड़ रुपये की सहायता
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित कुल 14 बाढ़ प्रभावित राज्यों ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से अतिरिक्त सहायता की मांग की थी। सरकार ने उन्हें कुल 5,239.67 करोड़ की अतिरिक्त सहायता जारी की है।
महराष्ट्र को मिली सबसे अधिक सहायता राशि
अतिरिक्त सहायता पैकेज के अलावा सरकार की ओर से आठ राज्यों को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत कुल 14,108.58 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। इनमें महाराष्ट्र को सबसे अधिक 3,431.22 करोड़ रुपये, उड़ीसा को 3,114.46 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया है। शेष राशि अन्य छह राज्यों को दी गई है। इसी तरह सरकार ने राज्य आपदा कोष के हिस्से के लिए रूप में सबसे ज्यादा 304 करोड़ रुपए कर्नाटक को दिए हैं।