चेन पुलिंग करने वालों की अब ख़ैर नहीं, दोषियों के ख़िलाफ़ रेलवे उठाएगा ये क़दम
अगर आपने कभी ट्रेन में यात्रा की होगी, तो आपको पता होगा कि ट्रेन में आपातकालीन स्थितियों में ट्रेन को रोकने के लिए हर बोगी में चेन लगी होती है। लेकिन कई लोग उसका गलत फ़ायदा उठाते हैं और अपनी मनपसंद की जगह पर जब मन करता है ट्रेन में चेन खींच कर ट्रेन को रोक देते हैं। चेन पुलिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए रेलवे बड़ा क़दम उठाने जा रहा है। आइए उसके बारे में विस्तार से जानें।
चेन पुलिंग की वजह से हो जाता है रेल हादसा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चेन पुलिंग की बढ़ती घटनाओं की वजह से ट्रेन लेट हो जाती है और जल्दी पहुँचने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार चेन पुलिस की वजह से रेल हादसा भी हो जाता है।
रेलवे करेगा CRPF जवानों की तैनाती
चेन पुलिंग की वजह से रेलवे को करोड़ों का नुकसान होता है। इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे ने चेन पुलिंग करने वालों के ख़िलाफ़ एक बड़ा क़दम उठाया है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे पुलिस फ़ोर्स (CRPF) में कई नई टीमों का गठन किया जा रहा है। ख़बरों के अनुसार, CRPF जवानों की तैनाती ऐसी संभावित जगहों पर की जाएगी, जहाँ चेन पुलिंग की घटनाएँ सबसे ज़्यादा होती हैं।
तुरंत मामला दर्ज करके भेजा जाएगा जेल
इसके बाद से जैसे ही कोई व्यक्ति ट्रेन में चेन पुलिंग करेगा, CRPF के जवान तुरंत चेन पुलिंग करने वाले दोषियों को पकड़ लेंगे। दोषियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जाएगा और उन्हें तुरंत जेल भेजा जाएगा। इसके अलावा दोषी के निवास स्थान से संबंधित थाने में भी घटना की जानकारी दर्ज करवाई जाएगी। इससे स्थानीय थाने में भी चेन पुलिंग करने वाले दोषी के अपराध और जेल में सज़ा काटने की जानकारी मौजूद रहेगी।
ख़तरे में पड़ सकती है नौकरी
स्थानीय थाने में दोषी की जानकारी देने से यह फ़ायदा होगा कि नौकरी, पासपोर्ट या अन्य किसी घटना के बारे में जब उसका पुलिस वेरिफ़िकेशन होगा, तब उसके चेन पुलिंग की घटना भी सामने आएगी। इससे उसकी नौकरी भी ख़तरे में पड़ सकती है।
चेन पुलिंग करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना या एक साल की सज़ा का प्रावधान
बता दें कि पहले रेलवे एक्ट 1989 की धारा 141 के तहत ट्रेन की चेन पुलिंग करके पड़के जानें पर अधिकतम 1,000 रुपये का जुर्माना या एक साल की क़ैद का प्रावधान था। लेकिन इस तरह की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए रेलवे ने सख़्त क़दम उठाए। इसके बाद CRPF के जवान ऐसे मामलों में मजिस्ट्रेट के सामने आरोपपत्र के साथ रेलवे के नुकसान का ब्यौरा भी जमा कराने लगे। हालाँकि, इसका भी कोई ज़्यादा फ़ायदा नहीं हुआ।