
गृह मंत्रालय ने राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा, आपातकालीन शक्तियों के उपयोग को कहा
क्या है खबर?
पाकिस्तान के साथ गहराते तनाव के बीच गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को पत्र लिखा है।
मंत्रालय ने उनसे आवश्यक एहतियाती उपायों के कुशल कार्यान्वयन के लिए नागरिक सुरक्षा नियमों के तहत आपातकालीन शक्तियों का प्रयोग करने को कहा है।
गृह मंत्रालय की यह अपील दुश्मन के हमलों या फिर युद्ध जैसी स्थितियों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उत्पन्न खतरों के मद्देनजर आई है।
पत्र
क्या है नागरिक सुरक्षा नियमों के तहत आपातकालीन शक्तियां?
गृह मंत्रालय के पत्र में नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 11 के तहत आपातकालीन शक्तियों के प्रयोग को कहा गया है।
इसके तहत राज्य सरकारों को आपात स्थितियों में लोगों और संपत्तियों को नुकसान या क्षति से बचाने के लिए त्वरित कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है।
यह भी सुनिश्चित करता है कि बिजली, जलापूर्ति और परिवहन सहित आवश्यक सेवाएं ऐसे संकट के दौरान भी निर्बाध रूप से चलती रहें।
शक्ति
धन उपलब्ध कराने को कहा
मंत्रालय ने नगर पालिकाओं सहित स्थानीय निकायों को इन आपातकालीन उपायों के लिए अपने स्वयं के धन का उपयोग करने का निर्देश दिया है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि ये कार्य स्थानीय प्राधिकारियों की अन्य सभी नियमित जिम्मेदारियों से ऊपर हैं।
गृह मंत्रालय के पत्र में कहा गया, "स्थानीय प्राधिकरण की निधियां ऐसे अनुपालन से संबंधित शुल्कों और व्ययों के भुगतान पर लागू होंगी।"
राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे की स्थिति में सरकारें तुरंत कार्रवाई आदेश दे सकती हैं।